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नोएडा : महागुण मॉडर्न मार्ट Vs सोसाइटी, विद्युत कोर्ट के आदेश के बाद बढ़ी लड़ाई

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday February 19, 2022

नोएडा : महागुण मॉडर्न मार्ट Vs सोसाइटी, विद्युत कोर्ट के आदेश के बाद बढ़ी लड़ाई

बिजली कनेक्शन और प्रीपेड मीटर से कैम वसूली को लेकर महागुण मॉडर्न मार्ट ऑनर एसोसिएशन और महागुण मॉर्डर्न अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के बीच विवाद थमता नहीं नजर आ रहा है। www.gulynews.com के खबर दिखाए जाने के बाद दोनों पक्ष एक बार फिर से आमने-सामने हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
महागुण मार्ट शॉप ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज वेदवा का कहना है कि विद्युत कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक बिजली काटने का अधिकार एसोसिएशन के पास नहीं है और बिजली कनेक्शन काटने से पहले MMAOA फोरम से इजाजत लेगी। वहीं MMAOA की दलील है कि कोर्ट के ऑर्डर के बाद उनके अधिकार क्षेत्र में बढ़ावा हुआ है और कोर्ट ने बकाया राशि नहीं देने पर MMAOA को बिजली कट करने का अधिकार दिया है।

महागुण मार्ट शॉप ऑनर एसोसिएशन ने हर तरह की बकाया राशि का भुगतान करने का आश्वासन दिया है। लेकिन इस भुगतान को करने से पहले एक शर्त रखी है। इस शर्त के मुताबिक MMAOA से बकाया राशि का हिसाब मांगा है। उनका आरोप है कि जनवरी में यह देय ₹31 प्रतिदिन बताया गया फिर इसे मनमाने ढंग से बढ़ाकर ₹103 प्रतिदिन कर दिया गया । इसके लिए बिल की कॉपी www.gulynews.com को भी भेजी गई है।

MMAOA की ओर से इस आरोप पर भी सफाई दी गई है और स्पष्ट किया गया है कि बिजली का रेट जनवरी 15 तक ₹6.81 था अब जिसे बढ़ाकर ₹6.93 हो गया है और जल्दी ही टैरिफ शेड्यूल के हिसाब से ₹7.70 हो जायेगा।
मार्ट एसोसिएशन का आरोप है कि जनरल मेंटनेंस , इंटरनेट की केबल (FTTH) के पैसे MMAOA जबरदस्ती बगैर उनकी मंजूरी के बिजली के मीटर से काटते रहते हैं । इस तरह का कोई भी देय जो कि बिजली आपूर्ति से संबंधित नहीं है उसे बिजली मीटर से नहीं काटा जा सकता यह टेरिफ ऑर्डर है और यही कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है।
नीरज वेदवा के आरोप को MMAOA के मृदुल भाटिया ने सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा है कि ‘पूरी सोसाइटी का अनुरक्षण शुल्क बिल्डर द्वारा अगस्त 2020 तक मीटर से लिया जाता था लेकिन महागुण मॉडर्न AOA का सचिव होने के नाते इस लड़ाई को बिल्डर से लड़ा और केम को बिजली मीटर से अलग करवाया। लेकिन कुछ दुकानदारों ने, जो बिल्डर के साथ मिले हुए हैं दुकानों के अंदर CAM और बिजली को अलग करने से मना कर दिया था> ये सभी दुकानें सुविधा जनक दुकानें हैं और नोएडा बिल्डिंग रेगुलेशन और यूपी अपार्टमेंट एक्ट 2010 के मुताबिक़ हमारी कॉमन एरिया का हिस्सा हैं और सुविधाए है और बिक भी नहीं सकती और सभी कॉमन एरिया हैंडओवर के समय AOA को हस्तांतरित होते हैं’।

इस तरह के आरोप से स्पष्ट है कि दोनों पक्ष अभी भी किसी सहमति पर नहीं पहुंचे हैं। और यह लड़ाई अभी थमती नजर नहीं आ रही है। जिस तरह से दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं उससे साफ है कि बात निकली है तो अभी दूर तक जाएगी।

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