November 22, 2024, 2:08 pm

इस विधि से करें गणेश जी की पूजा, होंगी सारी मनोकामनाएं पूरी।

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday March 23, 2022

इस विधि से करें गणेश जी की पूजा, होंगी सारी मनोकामनाएं पूरी।

गणेश जी प्रथम पूजनीय है। हर पूजा से पहले गणेश जी की पूजा होती है। कहते है गणेश जी की पूजा के बिना सभी पूजा अधूरी रहती है। शुभ काम से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। कहते हैं अगर किसी की कुंडली में बुध दोष है तो उसे बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। गणेश जी की पूजा से बुध के दोषों का प्रभाव कम हो जाता है। बुधवार को गणेश जी का दिन माना जाता है।

आप भगवान गणेश जी के बड़े भक्त है और गणेश जी को खुश करना चाहते हैं तो बुधवार को भगवान गणेश जी का व्रत करें।

बुधवार के व्रत से भगवान गणेश जी जल्दी प्रसन्न होते है और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

गणेश जी की पूजा के लाभ

घर में सुख समृद्धि आती है।

गणेश जी की पूजा से घर में सुख समृद्धि आती है। घर से क्लेश दूर होते है। सुखी जीवन के लिए ग्रंथों में भी गणेश जी की पूजा बताई गई है।

बुद्धि तेज होती है। ज्ञान का विकास होता है

जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं। वो गणेश जी की पूजा जरूर करें। गणेश जी व्रत और पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान का विकास होगा। तरक्की मिलेगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा।

भगवान गणेश बुद्धि के धनी है। सबसे ज्यादा बुद्धिमान है भगवान गणेश जी

गणेश जी की पूजा और व्रत से भाग्योदय होता है

गणेश जी की पूजा से सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है। कभी कभी कर्म तो करते हैं लेकिन भाग्य साथ नहीं देता। गणेश जी की पूजा से भाग्य आपका हमेशा साथ देगा।

सकारात्मकता आएगी

भगवान गणेश की पूजा से सकारात्मकता आएगी। नकारात्मकता दूर होगी।

सहनशीलता आती है

कहते हैं भगवान गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति में सहनशीलता का विकास होता है. भगवान गणेश जी के बड़े-बड़े कान इसी बात का प्रतीक है कि भगवान गणेश भक्त की बातों को ध्यानपूर्वक सुनते हैं।

गणेश जी का व्रत कैसे करें

गणेश जी के व्रत में नमक नहीं खाएं
घी और गुड़ का भोग लगाए
बुधवार को व्रत करके कथा जरूर पढ़े
बुधवार व्रत में हरे रंग के कपड़े पहनें

सुबह नहाकर तांबे के बर्तन में गणेश जी की स्थापना करें। पूजा के समय पूर्व दिशा में अपना मुंह रखें। उत्तर की तरफ भी मुंह करके पूजा कर सकते हैं।

गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय है उनको मोदक का भोग लगाएं। ध्यान करते हुए 108 बार ‘ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।

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