Madhya Pradesh News: ‘काकर भैरव’ मान वर्षों से कर रहे थे पूजा, वह निकला डायनासोर का अंडा…..
Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के धार जिले से अनोखा मामला सामने आया है। धार के कुक्षी तहसील क्षेत्र में जिसे लोग ‘कुलदेवता’ मानकर पूजा कर रहे थे वह अंडा निकला और वह भी डायनासोर का। पुरातत्व विभाग की जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है। पुरातत्व विभाग का कहना है की पहले भी कई बार डायना शोर के अंडे मिले हैं और ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। अब नए तथ्य सामने आने के बाद लोग दुविधा में हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वह देवता समझकर पूजा कर रहे थे और करते रहेंगे।
क्या है पूरा मामला
Madhya Pradesh News: अगर मन के अंदर श्रद्धा भाव हो तो पत्थर में भी भगवान नजर आते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के धार जिले से सामने आया है। धार जिले के कुक्षी तहसील क्षेत्र में बाग के ग्राम पाडल्या में जिसे लोग ‘कुलदेवता’ मानकर पूजा कर रहे थे वह अंडा निकला और वह भी डायनासोर का। वैज्ञानिक जांच में सच्चाई सामने आई तो लोग हैरान रह गए। मंगलवार को यह मामला मीडिया में आने के बाद पाडल्या गांव के वेस्ता मांडलोई ने बताया इन गोलाकार पत्थर जैसी वस्तु की ‘काकर भैरव’ के रूप में पूजा कर रहे थे। उनके घर में यह परंपरा पुरखों से चली आ रही थी। उनका मानना है कि ये कुलदेवता खेती और मवेशियों की रक्षा करते हैं और उन्हें संकट से बचाते हैं।
खेती के दौरान खुदाई में मिला था अंडा
‘काकर’ का मतलब है कि खेत और ‘भैरव’ देवता हैं। मांडलोई की तरह उनके गांव के बहुत से लोग इस तरह की आकृति की पूजा कर रहे थे, जो उन्हें धार और आसपास के इलाकों में खेती के दौरान खुदाई में मिले थे। हालांकि, अब नए तथ्य सामने आने के बाद लोग दुविधा में हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वह देवता समझकर पूजा कर रहे थे और करते रहेंगे।
जांच की तो पता चला
बीते दिनों लखनऊ के बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक धार के ग्राम पाडल्या पहुंचे। डायनासोर के इतिहास और मध्यप्रदेश के इस क्षेत्र में उनके अवशेष का पता लगाने पहुंची टीम को पता चला कि यहां खेतों में लोगों को गोलाकार वस्तु मिली थी, जिसकी लोग पूजा करते हैं। वैज्ञानिकों ने जब इनकी जांच को तो पता चला कि असल में ये डायनासोर के अंडे हैं।
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पहले भी मिल चुके हैं अंडे
पुरातत्त्वविदों का कहना है कि मध्यप्रदेश की नर्मदा घाटी में डायनासोर युग में धरती से लुप्त हो चुके इन प्राणियों की अच्छी संख्या थी। इसी साल जनवरी में भी धार में 256 अंडे मिले थे। इनका आकार 15 से 17 सेमी का था। माना जाता है कि 6.6 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर डायनासोर का बसेरा था, तब इंसानों की उत्पत्ति नहीं हुई थी।