शीतला अष्टमी आज। आज क्यों खाते हैं बासी खाना?
शीतला अष्टमी का पावन पर्व आज मनाया जा रहा है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। जो की होली के आठवें दिन पड़ता है।
इसे बासोड़ा अष्टमी भी कहा जाता है , इस दिन शीतला माता को ठंडा यानी बासी भोजन का भोग लगाया जाता है।
शीतला अष्टमी व्रत के दौरान घरो में भोजन नहीं पकाया जाता है बल्कि बासे भोजन को ही प्रसाद के रूप में खाया जाता है ।
क्यों लगाते है बासी खाने का भोग ?
बासी भोजन का भोग लगाने के पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी है।
कहा जाता है कि अष्टमी के दिन घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है और उस दिन रात में बने भोजन को ही ग्रहण करने का रिवाज है।
वही वैज्ञानिक कारण यह है की यह समय शीत ऋतु के जाने का और ग्रीषम ऋतु के आने का समय है , इन दो ऋतुकाल के संधिकाल में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सर्दी और गर्मी की वजह से कई तरह की मौसमी बीमारी होने का खतरा बढ़ता है। इसलिए ठंडा खाने की परंपरा है।
शीतला अष्टमी का महत्व
शीतला माता की आराधना करने से भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है साथ ही रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी व्रत रखते हैं। फोड़े, चेचक, चर्म रोग, छोटी माता, शीतला जनित रोग और अन्य संक्रामक रोगों से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यता है। शीतला माता नीम के पत्ते, झाड़ू, सूप और शीतल जल युक्त कलश अपने हाथों में धारण करती है।
शीतला अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह 6.20 से शाम 6.35 तक शुभ मुहूर्त रहेगा। इस बीच आप मां शीतला अष्टमी की पूजा कर सकते हैं।