How to prevent from depression : डिप्रेशन एक समस्या : जिसका सीधा असर आपके बच्चों पर
(What is main cause of depression)वैसे तो डिप्रेशन के बहुत से मूल कारण है ।हमारे देश में अगर हम युवाओं की बात करे तो असफलता, संघर्ष और किसी अपने से बिछड़जाने के कारण दुखी होना बहुत ही आम और सामान्य बात है। पिछले कुछ सालों में किशोरों में डिप्रेशन तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका में 2005 में 8.7% किशोर डिप्रेशन के शिकार थे। यह आंकड़ा 2014 में बढ़कर 11.3% हो गया। वहीं 50% किशोरों ने डिप्रेशन के अलावा इससे जुड़े अन्य मानसिक विकारों से जूझने की बात स्वीकारी।
क्या है युवाओं में डिप्रेशन का मुख्य कारण ?
(What is depression) बहुत से शोध और विशेषज्ञों द्वारा बताया गया है कि नियमित रूप से खाने–पीने पे ध्यान ना देना पौष्टिक आहार का ना होना अथवा धूम्रपान का सेवन करना और शराब का सेवन करना युवाओं में डिप्रेशन को बढ़ावा देता है
पैरेंट्स की हेल्थ के कारण बच्चों पे इसका प्रभाव ?
इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हमे अपने हेल्थ का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है और ऐसा करना इसलिए ज़रूरी है
क्योंकि इसका असर आपके बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। जिन माताओं की हेल्दी लाइफ स्टाइल होती है, उनकी बेटियों में डिप्रेशन के लक्षण कम होते हैं। हालांकि लड़कों पर इस तरह का कोई असर नहीं पड़ता है। (How depression affect parents health)
पिता के डिप्रेशन का बच्चे के विकास पर कैसा असर होता है ?
डिप्रेशन एक ऐसी व्यथा है जिससे कोई अछूता नहीं है आजकल हम देखते है चाहे वो युवा हो महिलायें हो बच्चे हो या बुजुर्ग हो हर कोई डिप्रेशन से ग्रस्त है 1989 से लिए गए इस डेटा के विश्लेषण में सामने आया कि माताओं की जीवन शैली और व्यवहार उनकी संतानों की जीवन शैली से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है। और ऐसा माना जाता है कि पिता के मुक़ाबले माता के मोटा होने पर बेटियों में डिप्रेशन की आशंका भी कम ही होती है।
पिता के डिप्रेशन रहते हुए घर के बड़े बेटे पर गहरा असर पड़ता है फिर चाहे वह बच्चा उनकी ख़ुद की संतान हो या फिर गोद लिया गया हो। पिता यदि डिप्रेशन में हो तो बच्चों को विकास के लिए सही वातावरण नहीं मिल पाता है।
ऐसे में जो बच्चे होते है वो अपने निर्णय ख़ुद लेने में समर्थ नहीं हो पाते । बच्चे अपने पैरेंट्स के व्यवहार की नकल करते हैं और उसे अपने जीवन में अपनाते हैं। कई बार उसे अपने अनुसार बदलकर भी व्यवहार करने लगते हैं। इसका बच्चों में किशोरावस्था पर बुरा प्रभाव पड़ता है हालाकि वयस्क होने पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।