ऐसे करेंगे पूजा तो सारे कष्ट हर लेंगे संकट मोचन हनुमान जी
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को अर्पित है। संकटमोचन हनुमान जी सारे कष्ट हर लेंगे। भगवान हनुमान ने जैसे संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी की रक्षा की थी। ठीक उसी तरह सभी भक्तों की रक्षा करते हैं। जो हनुमान जी की दिल से पूजा-पाठ, व्रत रखता है। हनुमान जी उसे कभी निराश नहीं करते। पूजा-पाठ से जल्दी ही प्रसन्न हो जाते है हनुमान जी।
बजरंगबली व्रत रखेंगे तो होंगे ये लाभ
- पारिवारिक समस्या
अगर आपके घर में क्लेश रहता है। सुख-शांति नहीं है। रोज लड़ाई-झगड़े होते हैं। तो हनुमान जी का उपवास रखिए। घर में क्लेश होना बंद हो जाएगा।
शारीरिक परेशानी दूर होगी
बजरंगबली के व्रत से आपकी शारीरिक परेशानी दूर होगी। हनुमान जी का एक मंदिर भी है जो डॉक्टर हनुमान जी के नाम से जाता है।
मंगल ग्रह से होने वाले कष्ट दूर होंगे
मंगल गृह निर्बल होने के चलते होने वाले कष्ट दूर होंगे। आपका मंगल गृह मजबूत होगा।
सम्मान, साहस, बल में वृद्धि
हनुमान जी का व्रत आपके अंदर आत्मविश्वास जगाएगा। समाज में सम्मान दिलाएगा। ताकतवर बनाएगा।
भूत-प्रेत का डर नहीं होगा
‘भूत-प्रेत निकट न आबे, महाबीर जब नाम सुनावे’। जहां हनुमान जी का नाम होता वहां ऐसी शक्तियां नहीं आती। आपको जब भी डर लगे। तो हनुमान जी का नाम लें या हनुमान चालीसा पढ़ें। कोई भी बाहरी शक्ति आपका कुछ नहीं बिगाढ़ पाएगी।
हनुमान जी की पूजा करते समय इन चीजों का ध्यान रखें
हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं। बहुत ही शुद्ध प्रवृत्ति के हैं। इसलिए हनुमान जी की पूजा करते समय बहुत सावधानी भी बरतनी पढ़ती है।
गलत विचारों को दिमाग में न लाएं
हनुमान जी की पूजा करते समय आपका पूरा ध्यान पूजा पर ही होना चाहिए। किसी भी गलत चीज या गलत दिशा में दिमाग नहीं भटकना चाहिए। इससे हनुमान जी नाराज़ हो जाते हैं। पूजा करते समय किसी स्त्री के बारे में नहीं सोचना चाहिए। गंदी बातें दिमाग में नहीं लानी चाहिए।
हनुमान जी के माथे से सिंदूर लेकर तिलक न लगाएं
कहते हैं हनुमान जी के पैरों में से सिंदूर लेकर तिलक लगाना चाहिए। हनुमान जी के माथे से सिंदूर नहीं लेना चाहिए। क्योंकिं हनुमान जी का तेज इतना शक्तिशाली होता है। जो कि आम इंसान नहीं झेल सकता।
हनुमान जी का व्रत करने की विधि
सूर्यादय से पहले नहाएं ।
हनुमान जी की पूजा और व्रत का अहम नियम। आपको सूर्यादय से पहले ही नहाना है।
किसी भी एकांत में जहां शोर न हो। वहां हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना कर लें।
लाल रंग के कपड़े पहननकर हनुमान जी को जल चढ़ाएं।
जल चढ़ाकर व्रत का संकल्प लें कि आप व्रत रखने जा रहे हैं।
किस मकसद से रख रहे हैं। कौन सी मनोकामना पूरी करवाना चाहते हैं। सभी मनोकामना जल चढ़ाते समय बोलें।
लाल सिंदूर, जनेऊ, वस्त्र चढ़ाएं ।
घी का दीपक जलाएं। पीले या लाल फूल चढ़ाएं।
रुई में चमेली के तेल लेकर उनके सामने रखें या हल्के से छीटे डाल दें।
पूजा की जगह को साफ रखें।
मंगलवार व्रत कथा पढ़ें ।
आरती करके भोग लगाएं।
हनुमान जी को भोग लगाकर प्रसाद बांटें।
सूर्यास्त के समय में हनुमान जी की पूजा करें।
21 दिन का व्रत रखते हैं तो 22 वें दिन उध्यापन करें।
उध्यापन कर 21 ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
ऊं रामदूताय नम:, ऊं पवन पुत्राय नम: मंत्रों का जाप करें ।
मंत्रों के बाद हनुमान चालीसा का जाप भी करें।