November 22, 2024, 1:57 pm

Health Insurance Plans: अगर उठाना चाहते हैं हेल्थ इंश्योरेंस का पूरा लाभ, फॉलो करें ये टिप्स

Written By: गली न्यूज

Published On: Sunday April 28, 2024

Health Insurance Plans: अगर उठाना चाहते हैं हेल्थ इंश्योरेंस का पूरा लाभ, फॉलो करें ये टिप्स

Health Insurance Plans: आज के समय में ज्यादातर लोगों ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है। क्योंकि आज की तारीख में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी समय की आवश्यकता है। लेकिन इस पॉलिसी से आप अधिकतम लाभ तभी ले पाएंगे, जब आप इसकी हर बात जानेंगे। आज हम बता रहे हैं इस बारे में विस्तार से…

क्या है पूरा मामला

बतादें, टाटा एआईजी (Health Insurance Plan) जनरल इंश्योरेंस के एक्सीडेंट और हेल्थ क्लेम्स के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और नेशनल हेड राजगोपाल रुद्राराजू कहते हैं कि अपनी हेल्थ इंश्यारेंस पॉलिसी की ब्योरेवार जानकारी पा लेना आपको एक पॉलिसीधारक होने के नाते सशक्त बनाता है। इस तरह से आप स्वास्थ्य देखभाल के लिए धन जुटाने की जटिलताओं को आत्मविश्वास के साथ निपटा सकते हैं। को-पेमेंट से लेकर विशिष्ट इलाज सीमाओं तक, आपके कवरेज की बारीकियों को समझना, जानकारीपूर्ण निर्णय लेना आवश्यक है ताकि आप अपनी पॉलिसी के लाभों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर पाएं। अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होने से न केवल क्लेम प्रक्रिया आसान हो जाती है, बल्कि आपको आपका ‘पूरा क्लेम’ मिलना भी सुनिश्चित होता है।

सबसे महत्वपूर्ण है अपनी पॉलिसी को समझना

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में कई अलग-अलग योजनाएं शामिल हैं, उनमें से हर एक अपने अनोखे लाभ, सीमाएं और एक्सक्लूज़न हैं। इन सभी पहलुओं को पूरी तरह से समझ लेना बहुत ज़रूरी है। जैसे कि, कुछ पॉलिसियों में डेंटल प्रोसिजर्स को कवर किया जाता है, लेकिन एक्सपेरिमेंटल मानी जाने वाली कुछ प्रकार की सर्जरीज़ उनमें शामिल नहीं होती हैं। इन बातों के बारे में पहले से जागरूक रहने से मेडिकल देखभाल के दौरान अचानक से आने वाले वित्तीय तनाव से बचा जा सकता है।

डिस्क्लोज़र में कुछ भी गलत या झूठ न हो

प्रपोज़ल फॉर्म पर दी गई जानकारी में कुछ भी गलत या झूठ नहीं होना चाहिए। यह आपके बीमा कवरेज की नींव है। प्रोपोजल फॉर्म में सभी खुलासे सही करें और सुनिश्चित करें कि उन्हें पॉलिसी में भी सही ढंग से दर्ज किया गया है। महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा न करने से क्लेम अस्वीकृत हो सकते हैं और कुछ मामलों में पॉलिसी रद्द भी हो सकती है।

कैशलेस सुविधा का लाभ

कैशलेस सुविधा स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला एक महत्वपूर्ण लाभ है। इससे अस्पताल के बिल कंपनी और अस्पताल के बीच सीधे निपटाए जाते हैं। मेडिकल इमर्जेंसी के दौरान यह सुविधा होने से तत्काल धन की व्यवस्था करने का बोझ कम हो जाता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी व्यक्ति को इमर्जेंसी सर्जरी के लिए भर्ती किया गया है और उसके पास कैशलेस सुविधा है तो उसका परिवार अस्पताल के बिल चुकाने के लिए धन जुटाने की चिंता करने के बजाय मरीज़ की रिकवरी पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। इस सुविधा के तहत नियोजित उपचारों के लिए प्री-ऑथोराइज़ेशन होने से कवरेज और जेब से होने वाले खर्चों के बारे में स्पष्टता रहती है।

पहले संपर्क कर लें अस्पताल से

नियोजित या प्लानिंग कर होने वाले इलाज के मामले में अस्पताल में भर्ती होने से 48 घंटे पहले कैशलेस के लिए आवेदन करें। इससे आपको भर्ती होने से पहले स्वीकार्यता और मात्रा की जानकारी मिल सकेगी। इमर्जेंसी में, भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर कैशलेस के लिए आवेदन करें। आज के दौर में, अधिकांश बीमा कंपनियां गैर-नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस सुविधा दे रही हैं, अपनी बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करके सुविधा का लाभ उठाएं।

को-पेमेंट के उपनियम, कॉस्ट शेयरिंग

जब मेडिकल खर्च के कुछ हिस्से का भुगतान पॉलिसीधारक को करना होता है, यानी को-पेमेंट के उपनियमों में कुछ पॉलिसियों में साझा वित्तीय जिम्मेदारी को रेखांकित किया गया है। अगर किसी पॉलिसी में सभी दावों पर 20% को-पेमेंट निर्धारित किया गया है, और अस्पताल का बिल 3,00,000 रुपये है, तो पॉलिसीधारक को 60,000 रुपये अपनी जेब से भरने होंगे। इन उपनियमों को पूरी तरह से समझने से पॉलिसीधारक अपने स्वास्थ्य देखभाल खर्चों के लिए अधिक प्रभावी ढंग से बजट बना सकता है।

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कमरे का किराया और श्रेणी से जुडी सीमाएं: खर्च का प्रबंधन

पॉलिसियों में कमरे के किराए या कवर किए गए कमरे की श्रेणी की सीमा निर्धारित होती है। इन सीमाओं को पार करने पर क्लेम रकम से भारी कटौती हो सकती है। उदाहरण के तौर पर, पॉलिसी सीमा से ज़्यादा कीमत का कमरा चुनने पर क्लेम का भुगतान कम हो सकता है। अपनी जेब से पैसा खर्च होने से बचने के लिए पॉलिसी सीमाओं के भीतर ही कमरा चुनना महत्वपूर्ण है। यह सीमा आपके क्लेम डिस्बर्समेंट में भारी कटौती ला सकती है, खासकर अगर आपकी पॉलिसी में प्रपोर्शनेट कटौती के प्रावधान शामिल हैं।

प्रोसिजर और इलाज सीमाएं

कई पॉलिसियों में कुछ प्रोसिजर या उन्नत उपचारों के लिए उप-सीमाएं निर्धारित की जाती हैं। मरीज़ को सुझाए गए इलाज का खर्च अगर इन सीमाओं से ज़्यादा है, तो उस डिफरेंस रकम को भरने की जिम्मेदारी पॉलिसीधारक की होती है। किसी की मेडिकल देखभाल और वित्तीय योजना के बारे में जानकारीपूर्ण निर्णय लेने के लिए इन सीमाओं के बारे में जान लेना ज़रूरी है।

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