May 3, 2024, 3:27 pm

Gurugram News: चिंटेल्स सोसाइटी के जे टावर को किया जायेगा सील, जानें पूरी खबर

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday January 20, 2024

Gurugram News: चिंटेल्स सोसाइटी के जे टावर को किया जायेगा सील, जानें पूरी खबर

Gurugram News: गुरुग्राम स्थित चिंटेल्स पैराडीसो टॉवर से जुड़ी बड़ी खबर है। चिंटेल्स सोसाइटी के जे टॉवर को भी असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। इसे जल्द ही सील किया जायेगा। इस मामले में आईआईटी दिल्ली के बाद अब जिला समिति ने भी प्रशासन को रिपोर्ट सौप दी है। अगले सप्ताह बिल्डर पक्ष के साथ आरडब्ल्यूए पदाधिकारी वार्तालाप करेंगे। बीते दिनों आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट के बाद अब जिला समिति ने भी इसे असुरक्षित घोषित करते हुए रिपोर्ट जिला उपायुक्त को सौंप दी है। जिला समिति ने जे टावर को सील करने की सलाह दी है।

क्या है पूरा मामला

खबर के मुताबिक गुरुग्राम में बीते साल जानलेवा हादसों के कारण चर्चा में आए सेक्टर-109 स्थित चिंटेल्स पैराडाइसो सोसाइटी का जे टावर भी रहने लायक नहीं है। बीते दिनों आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट के बाद अब जिला समिति ने भी इसे असुरक्षित घोषित करते हुए रिपोर्ट जिला उपायुक्त को सौंप दी है। जिला समिति ने जे टावर को सील करने की सलाह दी है।

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अतिरिक्त जिला उपायुक्त हितेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में समिति ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव को सौंपी। इससे पहले 12 जनवरी को आईआईटी दिल्ली ने रिपोर्ट में इस टावर के संरचनात्मक डिजाइनों की तुलना में कंक्रीट के निम्न ग्रेड का संकेत दिए थे। इसमें में सामग्री की वास्तविक स्थिति के आधार पर कंक्रीट के ग्रेड को ध्यान में रखते हुए इमारत का संरचनात्मक विश्लेषण करने की सिफारिश की थी। आईआईटी दिल्ली ने निर्माण संरचना के आधार पर इस टावर की उम्र लगभग 10 वर्ष बताई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस इमारत में उच्च कार्बोनेशन के संकेत बताते हैं कि कंक्रीट का उत्पादन पॉजोलानिक सामग्री (ऐसी सामग्री जिसमें सीमेंट युक्त तत्व नाम मात्र या न हो) का उपयोग करके किया गया है। यह सीमेंट मिश्रण के

अलावा कंक्रीट में मिश्रित की गई होगी।

शुक्रवार को जिला समिति ने विश्लेषण करते हुए अपनी रिपोर्ट में टिप्पणी कर निर्माण एजेंसी और डेवलपर दोनों पर सवाल उठाए हैं। दोनों ही पक्षों पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करने में विफल करार दिया है। जिला समिति ने जे टावर में रहने वाले परिवारों को निश्चित समय सीमा में ही दूसरी जगह बसाने की सिफारिश की है। इसके लिए डेवलपर यानी चिंटेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड को टावर जे के सभी आवंटियों के दावों पर विचार करने की सिफारिश की गई है।

बगैर किसी चेतावनी जे टावर में हो सकता है भारी नुकसान

समिति ने रिपोर्ट में दावा किया है कि जे टावर देखने में असुरक्षित घोषित पांच टावर डी, ई, एफ, जी और एच से बेहतर स्थिति में दिखाई देता है, हालांकि सुरक्षित घोषित टावर ए, बी और सी से यह टावर खराब हालत में है। परीक्षण के परिणाम पुष्टि करते हैं कि टावर जे के गिरने (क्षरण) का खतरा है। यह क्षरण बिना किसी पूर्व चेतावनी के तेजी से बढ़ सकता है। इससे जे टावर की संरचनात्मक क्षमता में कमी आ सकती है। इसके कारण जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे में लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे खाली कराने की सलाह दी है।

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52 फ्लैट धारक होंगे प्रभावित

जे टावर में 52 फ्लैट हैं। अब इसे असुरक्षित करार दिया गया है। इसे आपात स्थिति में खाली कराने की आवश्यकता नहीं है। प्रभावित परिवारों के पक्ष सुनकर ही बिल्डर को उनके हित में निर्णय लेना होगा। पिछले पांच असुरक्षित टावरों के हिसाब से जे टावर के हित धारक समझौता नहीं करेंगे। ऐसे में आगामी सप्ताह में आरडब्ल्यू के माध्यम से सभी प्रभावित हित धारकों संग बिल्डर पक्ष के साथ वार्ता की तैयारी है।

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