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Greater Noida News: ग्रेनो अथॉरिटी में 5 दिन से ऑनलाइन सिस्टम हुआ ठप, आवेदकों को हो रही परेशानी

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday December 21, 2023

Greater Noida News:  ग्रेनो अथॉरिटी में 5 दिन से ऑनलाइन सिस्टम हुआ ठप, आवेदकों को हो रही परेशानी

Greater Noida News: ग्रेनो अथॉरिटी में पेपरलेस वर्क करने वाला ऑनलाइन सिस्टम पिछले पांच दिनों से ठप है। जिसकी वजह से आवेदकों को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं।रोजाना 2000 आवेदकों को हो रही परेशानी के चलते अधिकारियों ने ऑफलाइन काम करना शुरू किया है। जिससे
ऑनलाइन कामकाज के लिए किया गया अनुबंध समाप्त हो गया है। अधिकारियों ने कहा इसी सप्ताह ऑनलाइन सिस्टम का नवीनीकरण हो जायेगा।
बताया जा रहा है कि 68 करोड़ की लागत से ऑनलाइन सिस्टम शुरू हुआ था। जिसे 5 वर्ष पहले अथॉरिटी को पेपरलेस करने के लिए लागू किया गया था।

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क्या है पूरा मामला

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में ग्रेनो प्राधिकरण में पेपरलेस काम करने के लिए 68 करोड़ रुपये खर्च कर लागू किया गया ऑनलाइन सिस्टम ठप हो गया है। पांच दिनों से ऑनलाइन सिस्टम बंद होने के कारण फाइलों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। प्राधिकरण पहुंचने वाले फरियादी भी बिना काम कराए लौट रहे हैं। इससे रोजाना करीब 2000 लोगों को परेशानी आ रही है। समस्या का समाधान करने के लिए अब फाइलों का ऑफलाइन कार्य शुरू किया गया है। प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन कामकाज के कंपनी के साथ किया गया करार समाप्त होने की वजह से परेशानी आ रही है। जल्द ही करार का नवीनीकरण कराकर ऑनलाइन कामकाज शुरू कराया जाएगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में करीब पांच वर्ष पहले तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने कागजी कार्रवाई कम करते हुए पेपरलेस व्यवस्था शुरू कराई थी। इसके लिए 68 करोड़ रुपये में टेक महिंद्रा कंपनी से करार किया था। नई एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सिस्टम के जरिये आवंटियों और आवेदनों समेत निवासियों को सभी कार्य ऑनलाइन कराने शुरू किए गए थे । करीब 25 से अधिक समस्याओं का ऑनलाइन निस्तारण किया जा रहा था। कुछ दिन तक काम भी अच्छा चला। हालांकि व्यवस्था को ऑनलाइन करने में कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे थे।

हाल ही में कंपनी से करार खत्म हो गया था

कंपनी से करार खत्म होने के बाद कंपनी के कर्मी चले गए। इससे ऑनलाइन कामकाज ठप हो गया। प्राधिकरण में होने वाली सभी काम रुक गए। हालांकि इस समस्या को जल्द दूर न होता देख अधिकारियों ने समस्याओं का निस्तारण कराने के लिए ऑफलाइन काम शुरू करा दिया। जिससे हार्डकॉपी में फाइलों को बनवाकर काम शुरू कर दिया गया है।

क्या होते हैं ऑनलाइन काम

दस फीसदी के लिए आवेदन, पानी-सीवर के लिए कनेक्शन, भूखंड या फ्लैट का ट्रांसफर मेमोरेंडम, मारगेज अनुमति और एनओसी समेत अन्य कार्य

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इस तरह होता ऑनलाइन काम

जब भी कोई व्यक्ति किसी भी काम के लिए आवेदन देता है तो उसे सीआर सेल से आवेदन को स्कैन कर संबंधित विभाग के अधिकारी के पास भेज देता है। इस पर संबंधित अधिकारी नोटिंग करना शुरू कर देते हैं। फाइल अलग-अलग अधिकारियों के पास ऑनलाइन भेजी जाती है। समस्या का निस्तारण होने उसका फाइनल प्रिंट निकालकर आवेदक को प्रिंट दिया जाता है।

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