Delhi-NCR के लिए वारदान बनेगी फ्रेट कॉरिडोर की लिंक लाइन, जानें किसको होगा फायदा
Freight Corridor Link Line in Delhi-Ncr: इसी साल अगस्त से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) और वेस्टर्न यूपी (West UP) के कारोबार को रफ्तार मिलने वाली है. तेज रफ्तार के साथ सस्ते दाम में कारोबारी अपना माल मुम्बई और कोलकाता तक भेज सकेंगे. इसके लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन (Dedicated Freight Corridor Corporation) ने एक लिंक लाइन तैयार की है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि जुलाई के आखिर तक यह लाइन तैयार हो जाएगी. अगस्त में संचालन के लिए इसे हरी झंडी दिखा दी जाएगी.
खास बात यह है कि यह लिंक लाइन ईस्टर्न कॉरिडोर (Eastern Corridor) और वेस्टर्न कॉरिडोर (Weastern Corridor) को आपस में जोड़ने का काम करेगी. लिंक लाइन दिल्ली-एनसीआर में बोड़ाकी (Bodaki) और खुर्जा के बीच तैयार की गई है.
जानकारी के अनुसार बोड़ाकी रेल स्टेशन से खुर्जा तक की लिंक लाइन का काम लगभग पूरा हो चुका है. बाकी का मामूली सा काम जुलाई के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा. दूसरी ओर ईस्टर्न कॉरिडोर की मेन लाइन का काम भी जुलाई के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है. ऐसा माना जा रहा है कि 15 अगस्त को पीएम नरेन्द्र मोदी लिंक लाइन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं. बुधवार को डीएफसीसी के अफसरों ने मेन लाइन के साथ ही लिंक लाइन का भी रेल यान में बैठकर निरीक्षण किया. इस दौरान जरूरी उपाय भी सुझाए.
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डीएफसीसी का ईस्टर्न कॉरिडोर कोलकाता तक तो वेस्टर्न कॉरिडोर मुम्बई तक जाता है. दोनों ही बड़े कारिडोर हैं. दोनों ही रूट पर कई बड़े कारोबारी शहर हैं. अगर ईस्टर्न और वेस्टर्न कॉरिडोर पर सफलतापूर्वक रोरो सर्विस शुरू हो जाती है तो यह प्रदुषण के लिहाज से भी एक बड़ा कदम होगा. रोरो के शुरू होने से सड़कों पर ट्रक और टैंकर्स की संख्या कम हो जाएगी. इससे वायु प्रदुषण भी नहीं फैलेगा. अगर ऐसा होता है तो इससे सबसे बड़ी राहत दिल्ली-एनसीआर को ही मिलेगी