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नोएडा- केपटाउन सोसाइटी में इलेक्ट्रिक लोड बढ़ने के बाद राजनीति तेज, दावों पर उठे सवाल

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday March 1, 2022

नोएडा- केपटाउन सोसाइटी में इलेक्ट्रिक लोड बढ़ने के बाद राजनीति तेज, दावों पर उठे सवाल

नोएडा (Noida)  के सेक्टर 74 स्थित सुपरटेक केपटाउन (Supertech Capetown)  सोसाइटी में इलेक्ट्रिसिटी लोड बढ़ने के बाद जहां एक तरफ निवासियों ने खुशी है वहीं इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। AOA जहां इसके लिए खुद की पीठ थपथपा रही है, वहीं कुछ लोगों का आरोप है कि बीते 3 साल से सोसाइटी के अध्यक्ष पद पर काबिज अरुण शर्मा और उनकी टीम ने कुछ भी नहीं किया है। सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप पर इसे लेकर दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे और दलील हैं।

कितना बढ़ा लोड ?

बता दें कि फरवरी महीने से ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने सोसाइटी का इलेक्ट्रिसिटी लोड 6000 किलोवाट से बढ़ाकर के 9000 किलो वाट कर दिया है। यानी 3000 किलोवाट लोड बढ़ाया गया है। यह हालात तब हैं जब इस सोसाइटी में 5000 के करीब में फ्लाइट्स पहले ही से मौजूद हैं।

सोसाइटी के AOA अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि 2019 में प्राधिकरण के तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा AOA और बिल्डर की मध्यस्थता मीटिंग में बिल्डर सुपरटेक को विद्युत भार बढ़ाने का निर्देश दिया था और बिल्डर ने इस पर लिखित सहमति दिसंबर 2019 में दी थी। इस सहमति के करीब 2 साल के बाद अब इलेक्ट्रिसिटी लोड सोसायटी के अंदर बढ़ाया गया है।

इलेक्ट्रिक लोड पर Aoa Vs Rest

लोड बढ़ने के बाद AOA वाहवाही लूट रही है। सोशल मीडिया पर दावा कर रही है कि यह लोग उनकी मेहनत का ही परिणाम है। हालांकि कुछ रेजिडेंट्स AOA के दावे पर सवाल उठा रहे हैं। इंडस्ट्रीज का आरोप है कि जो AOA नैतिकता खो चुकी है, 3 साल से ज्यादा समय तक चुनाव नहीं करवाया है वह जब ऐसे दावे करती है तो उसकी नीयत पर सवाल खड़े होते हैं।

केपटाउन AOA बोर्ड के सदस्य कृष्णइंदु आदित्य ने बताया कि अभी बिल्डर सुपरटेक को सोसायटी की जरूरत के मुताबिक 25000 कि वा विद्युत भार वहन करने लायक आधारभूत संरचना जैसे ट्रांसफॉर्मर, सर्किट ब्रेकर आदि का विकास करना होगा और कनेक्शन का भार भी कम से कम 15000 कि वा करना होगा।
सोसाइटी में चुनाव नहीं होने से लोगों में नाराजगी है और यही वजह है कि बिजली लोड बढ़ने के बाद भी लोग AOA के दावे और दलील पर सवाल उठा रहे हैं।

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