November 22, 2024, 1:11 pm

UP Electricity: यूपी में महंगी होगी बिजली, रेट में 23 फीसदी तक इजाफा करने का प्रस्ताव

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday January 10, 2023

UP Electricity: यूपी में महंगी होगी बिजली, रेट में 23 फीसदी तक इजाफा करने का प्रस्ताव

UP Electricity: नए साल में उत्तर प्रदेश में बिजली मंहगी (Electricity costlier in Uttar Pradesh) हो सकती है. बिजली कंपनियों ने साल 2023-24 के लिए बिजली दरों में 15.85% औसत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. इनमें ज्यादातर घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की दरों में 18 से 23% तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है.

वहीं, उद्योगों के लिए 16%, किसानों के लिए 10 से 12% और घरेलू लाइफ लाइन उपभोक्ताओं की दरों में 17% बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग को भेजा गया है. ये एक किलोवॉट बिजली लोड और 100 यूनिट प्रति माह बिजली उपभोग वाले उपभोक्ता पर लागू होगा. लाइफ लाइन उपभोक्ताओं से मतलब एक किलोवॉट बिजली लोड और 100 यूनिट प्रति माह बिजली उपभोग वाले उपभोक्ताओं से है.

प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से सोमवार को विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission)में अलग-अलग दाखिल प्रस्ताव में बिजली दरों में औसत 15.85 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की गई है. कॉमर्शियल उपभोक्ताओं की भी बिजली करीब 12% महंगी करने का प्रस्ताव है.

सभी कैटेगरी के कॉमर्शियल उपभोक्ताओं की बिजली दरें एक रुपए प्रति यूनिट बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल किया गया है. किसानों की बिजली दरों में भी 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ोतरी प्रस्तावित है. बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता लगभग 92,547 करोड़ रुपए है.

पावर कॉर्पोरेशन की मुहर लगते ही प्रस्तावित दरें लागू 

जानकारी के अनुसार, पावर कॉर्पोरेशन की मुहर लगते ही प्रस्तावित दरें लागू कर दी जाएगी. इसके चलते बिजली कंपनियों को करीब 9,140 करोड़ रुपए का अधिक राजस्व मिलेगा. इस वित्त वर्ष में बिजली कंपनियों को बिल के जरिए करीब 65,000 करोड़ रुपए के राजस्व की मंजूरी दी गई है.

पावर कॉर्पोरेशन का अनुमान है कि इस साल उसे करीब 1 लाख 34 हजार 751 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत पड़ेगी. 2022-23 में यह आंकड़ा 1 लाख 16 हजार 69 मिलियन यूनिट था.

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जानकारी के अनुसार, बिजली कंपनियों के प्रस्ताव के विरोध में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों में कमी करने के लिए नियामक आयोग में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के करीब 25,133 करोड़ रुपए बकाया हैं. ऐसे में बिजली कंपनियों को दरें बढ़ाने के बजाय टैरिफ कम करने का प्रस्ताव देना चाहिए.

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