चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत से पशोपेश में सरकार। बनाए यह नियम
Chardham Yatra 2022 Devotees Dies of Heart Attack: केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की मौत थमने का सिलसिला नहीं रूक रहा है। यही कारण है कि 50 साल से अधिक उम्र के श्रद्धालु स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही केदारनाथ जा सकेंगे. धाम में हार्टअटैक रुकने से हो रही मौतों को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है. बता दें कि, सोनप्रयाग में ऐसे श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. शुक्रवार को स्वास्थ्य परीक्षण में चार श्रद्धालु अनफिट मिले, जिन्हें केदारनाथ नहीं जाने दिया गया.
चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की हार्टअटैक से मौत
https://gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने से लेकर अब तक 32 श्रद्धालु स्वास्थ्य कारणों से अपनी जान गंवा चुके हैं. अधिकतर श्रद्धालुओं की मौत का कारण हार्ट अटैक माना गया है. पिछले 10 दिनों के भीतर ही अचानक इतनी मौतें होने के बाद न केवल उत्तराखंड सरकार में हड़कंप मचा हुआ है, बल्कि भारत सरकार भी इसका संज्ञान ले चुकी है. इन परिस्थितियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए 01 कार्डिक वैन भी रवाना की है.
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केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग पर सभी व्यवस्थाओं की मानीटरिंग स्वयं रुद्रप्रयाग डीएम मयूर दीक्षित कर रहे हैं. वीआइपी दर्शनों पर रोक के बाद मंदिर परिसर में दर्शनों की व्यवस्था में काफी सुधार आ गया है. आसानी से आम भक्त दर्शन कर रहे हैं. जबकि धाम में 75 शौचालय और स्थापित किए जा चुके हैं. पैदल मार्ग पर भी सफाई व्यवस्था के लिए 200 सफाई कर्मी बढ़ा दिए गए हैं. रोजाना 18 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ बाबा के दर्शनों को पहुंच रहे हैं. जबकि केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग पर लाइव अपडेट ले रहे हैं. भीड़ बढ़ने से सबसे अधिक परेशानी दर्शनों को लेकर हो रही थी. जिलाधिकारी ने गुरुवार से वीआइपी दर्शनों पर रोक लगा दी.
घोड़े-खच्चरों का हुआ हैं रजिस्ट्रेशन
केदारनाथ यात्रा में 8516 घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, जबकि 500 घोड़ा-खच्चर संचालकों (हाकर) का भी पंजीकरण हुआ है. साथ ही 2200 डंडी-कंडी का रजिस्ट्रेशन हुआ है.
उत्तराखंड में यह है मौत का आंकड़ा
उत्तराखंड के चारधाम में मरने वालों का आंकड़ा 32 पहुंच गया है. सबसे ज्यादा मौतें यमुनोत्री धाम में हुई हैं. यहां पर अब तक 13 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं. गंगोत्री धाम में अब तक 3 श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है. बदरीनाथ धाम में यह आंकड़ा अब 6 हो चुका है तो केदारनाथ में 11 श्रद्धालु स्वास्थ्य कारणों से अपनी जान गंवा चुके हैं.
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