इस सोसाइटी में AoA के बने दो ग्रुप, पैसे की लड़ाई.. इस्तीफे तक आई
Gaur City 5th Avenue: गौर सिटी हाउसिंग सोसायटी (Gaur City Housing Society) के 5th एवेन्यू में नया विवाद शुरू हो गया है. हाउसिंग सोसाइटी के एओए में दो ग्रुप हो गए हैं. सितंबर के महीने में एओए का चुनाव हुआ था. जिसमें 10 लोगों ने कार्यकारिणी में शपथ ली थी. इनमें से 2 सदस्यों लोगों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है. अब बाकी के 8 सदस्यों में 2 ग्रुप हो गए हैं. अध्यक्ष और महासचिव समेत 4 लोग एक तरफ और बाकी के 4 लोग एक तरफ हो गए हैं. दोनों एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
सोसाइटी के निवासी अंचल ने जानकारी देते हुए बताया कि अध्यक्ष और महासचिव सोसाइटी में बड़ी हेराफेरी कर रहे हैं. उनका कहना है कि अध्यक्ष और महासचिव में सिर्फ मेंटेनेंस का हैंडोवर लिया है. जिसकी वजह से बिल्डर मेंटेनेंस का हैंडोवर एओए को देने के बाद भाग गया है. उन्होंने बताया कि सोसाइटी में मूलभूत सुविधाएं बद से बदतर हो गई है, स्विमिंग पूल में कुत्ते रहते हैं, बिजली मीटर लगाने के नाम पर हेराफेरी हुई है. इसके अलावा सोसाइटी के निवासी और कार्यकारिणी के बाकी सदस्य अध्यक्ष व महासचिव से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन अध्यक्ष और महासचिव किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है. ऐसे में सोसाइटी का भविष्य अंधकार में जा रहा है.
वहीं, इस मामले में दूसरी तरफ एओए के महासचिव संजय राजपूत का कहना है कि सुरक्षा एजेंसी को लेकर सोसाइटी में विवाद हुआ है. जो 4 कार्यकारिणी के सदस्य उनके पक्ष में आए हैं. वह लोग मौजूदा सुरक्षा एजेंसी को हटाने नहीं देना चाहते हैं. जबकि उनकी सोसाइटी एसवाईजी सुरक्षा एजेंसी है, जिसके पास पीसारा लाइसेंस नहीं था।उनका कहना है कि जिसके पास पीसरा लाइसेंस नहीं होता है, वह सुरक्षा एजेंसी नहीं चला सकता.
वहीं, इस मामले में दूसरी तरफ एओए के महासचिव संजय राजपूत का कहना है कि सुरक्षा एजेंसी को लेकर सोसाइटी में विवाद हुआ है . जो 4 कार्यकारिणी के सदस्य उनके पक्ष में आए हैं. वह लोग मौजूदा सुरक्षा एजेंसी को हटाने नहीं देना चाहते हैं. जबकि उनकी सोसाइटी एसवाईजी सुरक्षा एजेंसी है, जिसके पास पीसारा लाइसेंस नहीं था. उनका कहना है कि जिसके पास पीसरा लाइसेंस नहीं होता है, वह सुरक्षा एजेंसी नहीं चला सकता.
संजय राजपूत का कहना है कि उन्होंने मार्च में सुरक्षा एजेंसी और मेंटेनेंस का हैंड ओवर बिल्डर से लिया था. हैंड ओवर लेने के बाद पता चला कि एसवाईजी सुरक्षा एजेंसी के पास पीसरा लाइसेंस नहीं है और इस लाइसेंस के बिना सुरक्षा एजेंसी चलाना अवैध है. हैंड ओवर लेने के बाद उन्होंने अपनी सोसाइटी की एजेंसी से पीसरा लाइसेंस मांगा था और नहीं देने पर उन्होंने हटाने की बात कही थी।
महासचिव ने आगे बताया कि जब तय समय पर सुरक्षा एजेंसी ने लाइसेंस नहीं किया तो उन्होंने सोसाइटी से सुरक्षा एजेंसी हटाने को लेकर हस्ताक्षर कर दिए. हालांकि, उसके बाद सुरक्षा एजेंसी ने अपना लाइसेंस दिखाया, लेकिन सुरक्षा एजेंसी हटाने के लिए हस्ताक्षर होने के बाद ऐसी एजेंसी को नहीं रखा जा सकता. उनका कहना है कि बाकी के 4 सदस्य उसी एजेंसी पर अड़े हुए हैं, जो सरासर गलत है. इसी मामले को लेकर बाकी की सदस्य अध्यक्ष और उनको पद से हटाना चाहते हैं, जो नियमों के खिलाफ है.