Charge on Online Payment: ऑनलाइन पेमेंट पर चार्ज लगाने का प्रस्ताव, जानें क्या कहा RBI ने?
Charge on Online Payment: आज के दौर में ज्यादातर लोग ऑनलाइन पेमेंट करना पसंद करते हैं। भारत में ऑनलाइन पेमेंट पर किसी तरह का चार्ज नहीं वसूला जाता है। लेकिन यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर प्लेटफॉर्म की ओर से ऑनलाइन पेमेंट पर चार्ज वसूलने का दबाव बनाया जाता रहा है। इससे पहले भी ऐसी ही कोशिश हुई थी, लेकिन आरबीआई की ओर से इसे खारिज कर दिया गया था।
क्या है पूरा मामला
बतादें, यूपीआई पेमेंट (Charge on Online Payment) भारत में तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन दिक्कत की बात यह है कि इसमें दो ही प्लेयर की हिस्सेदारी है। मतलब फोनपे और गूगल पे भारत के यूपीआई पेमेंट पर सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखते हैं। Google Pay के पास 47 फीसद इंडियन यूपीआई मार्केट में हिस्सेदारी है, जबकि वॉलमार्ट ओन्ड PhonePe की 37 फीसद मार्केट पर हिस्सेदारी है। मतलब भारत के करीब 84 फीसद यूपीआई मार्केट शेयर पर अकेले फोनपे और गूगल पे का कब्जा है, जिसके मुकाबले में आरबीआई और एनपीसीआई ने मिलकर इंडियन बेस्ड छोटे यूपीआई प्लेयर को आगे बढ़ा रही है।
मर्चेंट डिस्काउंट रेट लगाने का रखा प्रस्ताव
ET की रिपोर्ट की मानें, तो इसे लेकर आरबीआई और एनपीसीआई की ओर से एक मीटिंग बुलाई गई, जिसमें भारत के छोटे यूपीआई प्लेटफॉर्म के साथ PhonePe और Google Pay ने हिस्सा लिया। इस मीटिंग में सीनियर सिटिजन के लिए लिए यूपीआई को आसान बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। साथ ही मुद्दा उठा कि यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर ग्राहक से कोई चार्ज नहीं ले रहे हैं।
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RBI ने प्रस्ताव को सिरे से किया खारिज
छोटे यूपीआई प्लेयर्स ने प्रस्ताव रखा कि बड़ी दुकानों पर यूपीआई लेनदेन शुल्क की अनुमति दी जानी चाहिए। साथ ही बड़े यूपीआई प्लेटफार्म के साथ मुकाबला करने के लिए छोटे प्लेयर ने मर्चेंट डिस्काउंट शुल्क को न लिए जाने का विरोध किया, उन्होंने कहा कि यह वित्तीय रूप ठीक नहीं है। हालांकि सरकार ने यूपीआई लेनदेन पर किसी तरह से शुल्क लगाने की योजना को सिरे से खारिज कर दिया।