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Supertech IRP Process : बिल्डर सुपरटेक की दिवालिया प्रक्रिया कहां तक पहुंची, IRP के प्रस्तावित रियोजोल्युशन प्लान पर होमबायर्स का रिएक्शन

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday May 7, 2024

Supertech IRP Process : बिल्डर सुपरटेक की दिवालिया प्रक्रिया कहां तक पहुंची, IRP के प्रस्तावित रियोजोल्युशन प्लान पर होमबायर्स का रिएक्शन

Supertech IRP Process: बिल्डर सुपरटेक के दिवालिया होने का मामला इस वक्त NCLAT कोर्ट में है. बकायदा इसके लिए IRP की नियुक्ति की गई है और अब IRP एक्शन में है. IRP अपने तरीके से बिल्डर सुपरटेक के दिवालिया मामले को सुलझाने की कोशिश में जुटा है लेकिन IRP के कई ऐसे प्रस्ताव हैं जिस पर बिल्डर सुपरटेक के होमबायर्स सवाल खड़े कर रहे हैं.

पूरे मामले को समझिए

फरवरी 2024 में NCLAT ने IRP को प्रोजेक्ट वाइज रिजोल्युसन प्लान बानने के लिए IRP को निर्देश दिए. इस निर्देश में बिल्डर सुपरटेक के सभी प्रोजेक्ट को कंपलीट करने के लिए कहा गया हालांकि इसमें ईको विलेज 2 ( Eco Village 2 ) को शामिल नहीं किया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक 3 मई 2024 को इस संबंध (Supertech IRP Process) में IRP हितेश गोयल ने एक बार फिर NCLAT में स्टेटस रिपोर्ट को दाखिल किया। इस स्टेटस रिपोर्ट को दाखिल करने से पहले IRP हितेश गोयल ने होमबायर्स के बीच एक सर्वे भी किया था. इस सर्वे के लिए ऑनलाइन वोटिंग मेकेनिज्म को अपनाया गया. पता चला है कि अलग-अलग 19 प्रोजेक्ट के लिए साढ़े 12 हजार से ज्यादा होम बायर्स को वोट करने थे.

वोटिंग सर्वे पर उठे सवाल

हालांकि जब वोटिंग प्रक्रिया की शुरुआत हुई तो यह मामला पेंचिंदा और संदिग्ध नजर आया. बिल्डर सुपरटेक के होम बायर्स ने ऑनलाइन वोटिंग पर ही सवाल खड़े कर दिए. IBC कानून 2016 (Insolvency and Bankruptcy Code) के मुताबिक इस तरह की वोटिंग तभी हो सकती है जब COC (Committee of Creditors) का गठन किया गया हो. लेकिन ईको विलेज 2 ( Eco Village 2 ) प्रोजेक्ट को छोड़ कर किसी भी प्रोजेक्ट के लिए किसी तरह का कोई COC (Committee of Creditors) का गठन नहीं किया गया था. ऐसे में इस वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए. सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि ऐसे कई होमबायर्स हैं जो दावेदार के लिस्ट में तो हैं लेकिन IRP की ओर से उन्हें वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए निमंत्रित तक नहीं किया गया. इसके पीछे IRP की दलील यह है कि जब साल 2022 में बिल्डर सुपरटेक के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरु हुआ तब होमबायर्स ने अपने दावे दाखिल नहीं किए थे.

जांच में मिली विसंगतियां

https://gulynews.com की टीम ने जब इस बारे में अपने स्तर पर जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. नोएडा की सबसे बड़ी सोसाइटी में शुमार केपटाउन सोसाइटी में ही अकले ही 4932 यूनिट हैं. जिसमें से 95 फीसदी से ज्यादा बिक चुके हैं लेकिन यहां केवल 752 फ्लैट खरीदारों को ही वोटिंग राइट दिया गया. सोसाइटी में लगभग 2500  फ्लैट्स ऐसे हैं जिसकी रजिस्ट्री तक नहीं हुई है. हालांकि ऐसा किस आधार पर किया गया इसके बारे में विशेष जानकारी सामने नहीं आ सकी.

यही हाल सुपरटेक के एक और प्रोजेक्ट रोमानो का नजर आया. सेक्टर 118 स्थित इस सोसाइटी में बिल्डर सुपरटेक ने 1460 यूनिट बेचे हैं लेकिन वोटिंग राइट महज 964 होम बायर्स को ही दिया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि 19 प्रोजेक्ट में से 6 प्रोजेक्ट ने IRP के रिजोल्यूशन प्लान को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें केपटाउन सोसाइटी भी शामिल हैं, हालांकि 7 प्रोजेक्ट के होमबायर्स ने IRP के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जिसमें अपकंट्री सोसाइटी है साथ ही 7 प्रोजेक्ट के होम बायर्स ने IRP के प्रस्ताव को पार्सली स्वीकार किया यानि की कुछ बिंदुओं पर अपनी सहमति दी जिसमें रोमानो और ईको विलेज 1 (Eco Village 1) सोसाइटी शामिल है.

AR की नियुक्ति विरोध का बड़ा कारण

दरअसल वोटिंग प्रक्रिया से पहले IRP की ओर से AR ( Applicant Resolution) की नियुक्ति की गई. हर प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग AR तय किए गए. लेकिन AR की नियुक्ति से पहले IRP की ओर कभी किसी होम बायर्स से संपर्क तक नहीं किया गया. ना ही होम बायर्स की राय ली गई, केपटाउन सोसाइटी के लिए भी AR के तौर पर अमरपाल की नियुक्ति की गई. लेकिन मिली जानकारी के तौर पर अमरपाल ने एक भी होम बायर से संपर्क तक नहीं किया. 3 मई 2024 को जब इस मामले की सुनवाई NCLAT कोर्ट में हुई तो कई होम बायर्स ने इस मुद्दो को उठाया. जिसके बाद IRP को होमबायर्स के साथ बातचीत कर दुबारा से प्रपोजल देने के लिए कहा गया. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 24 मई 2024 को होगी.

फिर एक्शन में IRP

NCLAT से निर्देश मिलने के बाद एक बार फिर IRP एक्शन में है. IRP एक बार फिर से सभी होम बायर्स से क्लेम फॉर्म को स्वीकार कर रहा है, अब उन लोगों को भी मौका दिया गया है जिन्हें पहले IRP की ओर से वोटिंग के लिए निमंत्रण नहीं दिया गया था. बता दें कि इस पूरे मामले की शुरुआत साल 2022 में तब शुरु हुई थी जब NCLAT कोर्ट में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) और इंडियाबुल्स (Indiabulls Asset Reconstruction Company Ltd) की ओर से मामला लाया गया और बिल्डर सुपरटेक पर दिवालिया प्रक्रिया की शुरुआत हुई.

अगर कोई होमबायर्स क्लेम फॉर्म भरना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर जाकर अपना क्लेम फॉर्म भर सकते हैं-

https://www.supertechclaims.com/claims/index.php

 

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