कन्हैया लाल के बाद दोनों जिहादी इस कारोबारी को मारना चाहते थे, ऐसे काटना चाहते थे गर्दन
Udaipur Murder Case: राजस्थान में उदयपुर (Udaipur) के टेलर कन्हैया लाल की गर्दन काटकर हुई हत्या के मामले में दोनों मुख्य आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. मामले को टेकओवर कर चुकी NIA की टीम ने जयपुर की स्पेशल NIA कोर्ट में दोनों आरोपियों का प्रोडक्शन वारंट हासिल करने के लिए जयपुर कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.
जानकारी के अनुसार अभी तक कि जांच में पता चला है कि पैगंबर के कथित अपमान के विरोध में हिंदू टेलर की गर्दन काटने वाले मोहम्मद रियाज और गोस मोहम्मद इस हत्याकांड में अकेले ही नहीं थे बल्कि इनका एक ग्रुप है जिसमे एक दर्जन से ज्यादा लोग शामिल हैं. इनके ग्रुप में पाकिस्तान के कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनके संबंध कई आतंकी समूहों से हैं. कन्हैया की हत्या के पीछे इनका मकसद देश के हिंदुओं में दहशत फैलाना था. यह भी पता चला है कि इनके निशाने पर कन्हैया के अलावा नितिन जैन नाम का एक और शख्स भी था. वह अपना कारोबार चलाते हैं.
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पुलिस की हिरासत में अब तक की गई पूछताछ में दोनों आरोपियों को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. दोनों के दिमाग में इस कदर जहर भर दिया गया है कि पूछताछ में भी दोनों आरोपी अपने मजहब को लेकर उद्देश्य पूरा होने का दावा कर रहे है. दोनों जिहादियों का कहना है कि भले ही वे अपने मजहब के लिए कुर्बान हो जाएं लेकिन उसके बाद भी उनके ग्रुप के कई लोग हैं, जो भारत को इस्लामिक देश बनाने के लिए काम करते रहेंगे. दोनों आरोपियों ने यह भी धमकी दी कि आने वाले दिनों में मोहम्मद पैगंबर की शान में गुस्ताखी करने वालों का अंजाम कन्हैया लाल से भी बुरा होगा.
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक रियाज और गोस मोहम्मद वर्ष 2014 में ट्रेन के जरिए 45 दिनों के लिए पाकिस्तान गए थे. पाकिस्तान में उन्होंने भारत से गए 30 दूसरे लोगों के साथ मिलकर आतंकी वारदात करने की ट्रेनिंग ली थी. पाकिस्तान में 45 दिन की ट्रेनिंग के बाद 1 फरवरी 2014 को दोनों आरोपी भारत वापस आ गए और दावत-ए-इस्लामी और पाकिस्तान के कट्टरपंथी राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक के सम्पर्क में काम करने लगे थे.
रियाज और गोस मोहम्मद फंडिंग के लिए 2014 और 2019 में सऊदी अरब और 2017 व 18 में नेपाल भी गए थे. सऊदी अरब में यह लोग सलमान और अब्बू इब्राहिम नाम के व्यक्तियों के साथ लगातार सम्पर्क में थे. दोनों आरोपी कई आतंकी संगठनों से संपर्क में थे. उनकी राजस्थान में सीरियल ब्लास्ट की थी साजिश थी. इनका मकसद कन्हैया लाल की हत्या करने के बाद अजमेर जाकर अल्लाह के सामने पैगंबर की शान में गुस्ताखी करने वालों को सजा देकर आने का दावा करने का था.
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पुलिस की पूछताछ में दोनों ने बताया कि ये साजिश उन्होंने नूपुर शर्मा की टीवी डिबेट के बाद बनाई थी. जिसके बाद उदयपुर के सीपाटिया इलाके की वेल्डिंग फैक्टरी में हथियार बनाए गए थे. दोनों आरोपियों ने हत्याकांड को अंजाम देने के बाद उस फैक्टरी के मालिक के ऑफिस में वीडियो बनाया. जांच एजेंसियों ने मामले की जांच करते हुए फैक्टीर से वे हथियार भी बरामद कर लिए हैं.