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डीयू के दाखिले में आ रही अड़चन, माइनॉरिटी कॉलेज में मिलेगा अल्पसंख्यकों को दर्जा

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday April 23, 2022

डीयू के दाखिले में आ रही अड़चन, माइनॉरिटी कॉलेज में मिलेगा अल्पसंख्यकों को दर्जा

College admission issue in DU: सीयूईटी (CUET) यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को दिल्ली यूनिवर्सिटी में मंजूरी मिलने के बाद, अब यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के बीच तकरार शुरू हो गई है। जिसकी वजह से दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया को लेकर स्टूडेंट्स की परेशानी बढ़ती दिख रही है।

ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरफ से सीयूईटी को मंजूरी मिलने के बाद सेंट स्टीफेंस कॉलेज (St stephens college) ने अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स के दाखिले में इंटरव्यू स्कोर को प्राथमिकता देने की बात कही है।

पहले क्या थी दाखिले की प्रक्रिया
स्टीफेंस कॉलेज को माइनॉरिटी कॉलेज की कटेगरी में रखा गया है। यहां 50 फीसदी सीट क्रिश्चियन स्टूडेंट्स के लिए आरक्षित हैं। अब तक डीयू में जहां कट-ऑफ के जरिए दाखिला होता था, वहीं स्टीफेंस कॉलेज में डीयू से अलग कट-ऑफ लिस्ट जारी होती थी। इस कटऑफ में 85 फीसदी अंक 12वीं कक्षा में किए गए स्कोर से तय होते हैं। 15 फीसदी स्कोर लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के जोड़े जाते थे।

माइनॉरिटी कॉलेजों को सीयूईटी से परेशानी क्यों?
कुछ दिन पहले डीयू ने माइनॉरिटी कॉलेजों (Minority college) में दाखिले को भी सीयूईटी के दायरे में लाने की घोषणा की थी। इस पर कॉलेज ने डीयू को लेटर लिखकर गुजारिश की, जिसमें कहा गया कि कॉलेज सीयूईटी के 85 अंकों के साथ इंटरव्यू में हासिल 15 फीसदी स्कोर के आधार पर दाखिला देना चाहता है। कॉलेज ने बताया कि 15 फीसदी स्कोर के लिए सभी कटेगरी (जनरल और माइनॉरिटी) के छात्रों को इंटरव्यू देना होगा। इस पर डीयू ने जवाबी चिठ्ठी में कहा कि कॉलेज सिर्फ 50 फीसदी रिजर्व सीटों के लिए ही इंटरव्यू आयोजित कर सकता है। जनरल कटेगरी के स्टूडेंट्स को सिर्फ सीयूईटी के स्कोर पर दाखिला मिलेगा। वहीं अब डीयू के तहत आने वाले 6 कॉलेजों को अल्पसंख्यक (minority college) को दर्जा मिला है।

पहली बार नहीं शुरू हुआ विवाद
2019 में स्टीफेंस कॉलेज की अपनाई जाने वाली दाखिले की प्रक्रिया को लेकर कॉलेज के प्रोफेसर ने दिल्ली हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। शिक्षकों ने कॉलेज की सुप्रीम काउंसिल से इंटरव्यू पैनल में नामित सदस्य को शामिल किए जाने का विरोध किया था। उस वक्त कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार करते हुए स्टे आदेश दिया था। वहीं, हाल में डीयू के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने इस मसले को संवैधानिक दायरे में रखकर सुलझाने की बात कही है।

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