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Ravana Temple Renovation: देश के इकलौते रावण मंदिर का होगा जीर्णोद्धार, प्राधिकरण ने लिया फैसला…लोग हुए खुश

Written By: गली न्यूज

Published On: Sunday April 7, 2024

Ravana Temple Renovation: देश के इकलौते रावण मंदिर का होगा जीर्णोद्धार, प्राधिकरण ने लिया फैसला…लोग हुए खुश

Ravana Temple Renovation: ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में स्थित रावण के मंदिर को लेकर बड़ी अपडेट है। प्राधिकरण ने देश के इकलौते रावण मंदिर का जीर्णोद्धार कराने का फैसला लिया है। प्राधिकरण के इस फैसले से बिसरख गांव के लोग बेहद खुश हैं, क्योंकि इस गांव के लोग रावण को अपना बेटा मानते हैं। इसी लिए यहां पर रावण दहन का कार्यक्रम भी नहीं होता है।

क्या है पूरा मामला

बतादें, ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में स्थित रावण (Ravana Temple Renovation) के मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसको लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने योजना बनाना शुरू कर दिया। यह मंदिर काफी प्राचीन है। इस मंदिर का निर्माण रावण के पिता विश्रवा ने बनाया था। इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए बिसरख गांव और कई लोगों ने मांग की थी, जिसके बाद यह फैसला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने लिया है।

ये है मंदिर की खासियत

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने रावण के मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। मंदिर का सर्वे शुरू हो गया है। इस मंदिर में तालाब बनाया जाएगा। इस तालाब के अलावा तमाम कलाकारी की जाएगी। मंदिर को पूरी तरह से सजाया जाएगा। यहां दूर-दूर से लोग भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए आते हैं। मंदिर में जो भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग हैं, उसका कोई अंत नहीं है। कई सालों पहले लोगों ने शिवलिंग का अंत ढूढ़ने के लिए खुदाई की थी, लेकिन कोई अंत नहीं मिला।

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रावण को माना जाता है वीसरख गांव का बेटा

यह वही मंदिर है, जहां पर रावण ने भगवान भोलेनाथ की पूजा की थी। पूजा करते वक्त रावण ने शिवलिंग पर कई बलि चढ़ाई थी। बताया जाता है कि बिसरख गांव में रावण का जन्म हुआ था। मतलब, बिसरख गांव का बेटा रावण है। यह भारत का इकलौता मंदिर है।

बिसरख गांव में आज तक नहीं हुआ रावण दहन

ऐसा कहा जाता है कि बिसरख गांव में रावण दहन नहीं होता। एक बार गांव में रावण दहन करने का प्रयास किया गया, लेकिन गांव में कुछ अनहोनी हो गई थी। उसके बाद दोबारा से भगवान भोलेनाथ की पूजा की गई और बिसरख गांव के लोगों ने अपने पूर्वज रावण को शांत किया। उसके बाद ही गांव में सब कुछ शांत हुआ।

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