Cyber Crime News: शातिर दिमाग ठगों ने Amazon को लगाया डेढ़ करोड़ का चूना, ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर ठगी
Cyber Crime News: ठगी और जालसाजी के मामले पूरे देश में बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में पुलिस ने Amazon पर ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। घटना को अंजाम देने के लिए शातिर दिमाग युवक 17 स्मार्ट मोबाइल व 7 कीपैड फोन का प्रयोग करते थे। पुलिस ने 240 सिमकार्ड, एक थम्ब मशीन व लैपटॉप बरामद कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
क्या है पूरा मामला
बतादें, दुनिया की सबसे (Cyber Crime News) बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजन को बुंदेलखंड के पिछड़े इलाके के पांच युवकों ने डेढ़ करोड़ रुपए का चूना लगा डाला। ऑनलाइन ठगी का यह अनोखा मामला पुलिस के सामने आने पर सभी हैरत में पड़ गए। शातिर दिमाग युवक जल्द अमीर होने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग के ज़रिए बड़ी बड़ी कम्पनियों को ठगी का शिकार बना रहे थे। पुलिस ने 216 स्मार्ट टीवी, 6 एसी और 4 वाशिंग मशीन बरामद की है।
फ्रॉड करके बनना चाहते थे अमीर
दुनिया में चर्चित सबसे बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनी अमेजन, फिल्पकार्ट को ठगने वाले शातिर दिमाग युवक महोबा के निवासी हैं। जल्द अमीर बनने के लिए युवकों ने ऑनलाइन शॉपिंग को सहारा बनाया। सभी आरोपी इतने शातिर दिमाग निकले कि इतने बड़े फ्रॉड का अमेजन कंपनी पता भी नही लगा सकी।
डेढ़ करोड़ की ठगी
करीब एक करोड़ पचास लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी कर चुके महोबा के उमाशंकर, अजयपाल, लवकेश, आकाश और रविन्द्र के घर और गोदाम जब स्मार्ट टीवी और इलेक्ट्रोनिक सामान से भर गए, तो उन्होंने इनको बेचने की योजना बनाई और पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
ऐसे करते थे ठगी
पांचों युवकों की उम्र 19 से 30 वर्ष के बीच है। पुलिस ने बताया कि ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाकर फर्जी नाम पते से ऑनलाइन अकाउंट बनाते थे और फिर इन्हीं अकाउंट का प्रयोग कर विभिन्न प्रकार के महंगे डिजिटल स्मार्ट टीवी, एसी, वाशिंग मशीन की खरीददारी की जाती थी, जब इन शातिर दिमाग युवकों को इलेक्ट्रॉनिक सामान का आर्डर प्राप्त हो जाता था फिर यह इसे तकनीकी खराबी बता कर ऑर्डर को रद्द कर देते थे।
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ठगी करके बंद कर लेते थे सिम
ऑर्डर कैंसिल होने के बाद रिटर्न के लिए डमी सामान की पैकिंग कर उसे कंपनी को वापस भेजते थे तो कई बार कंपनी के रिटर्न वापसी के दौरान अपनी सिम को ही बंद कर लिया करते थे और क्रेडिट किया पैसा उनके खाते में वापस आ जाता था। इस तरह ठगी को अंजाम देकर प्रयोग की गई ई मेल और सिम का उपयोग पूरी तरह से बंद कर देते थे।