UP Govt News: नोएडा की तर्ज पर होगा इस जिले का विकास, सरकार ने बनाई योजना
UP Govt News: उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा की तर्ज पर एक और जिले को विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने तैयारी शुरू कर दी है । इसके लिए झांसी सदर तहसील के 33 गांवों की 14,225 हेक्टेअर जमीन चिह्नित की गई है। पिछले डेढ़ महीने में 250 हेक्टेयर जमीन ली जा चुकी है। इसके लिए फिलहाल 9 गांवों की जमीनों के बैनामे जारी हैं। सरकार का पूरा प्रयास है की झांसी को पूरी तरह से हाईटेक सिटी के रूप में विकसित किया जाए।
क्या है पूरा मामला
बतादें, उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt News) ने एक योजना बनाई है जिसमें नोएडा की तर्ज झांसी पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने तैयारी शुरू कर दी। झांसी सदर तहसील के 33 गांवों की 14,225 हेक्टेअर जमीन चिह्नित की गई है। पिछले डेढ़ महीने में 250 हेक्टेयर जमीन ली जा चुकी है। इसके लिए फिलहाल 9 गांवों की जमीनों के बैनामे जारी हैं। जबकि अभी 24 अन्य गांवों में बैनामों की शुरुआत होना बाकी है।
तेजी से किए जा रहे बैनामे
इस प्रोजेक्ट पर सब-रजिस्ट्रार सुभाष चंद्र ने बताया कि अब तक हुए बैनामों से निबंधन विभाग को 34 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ है। बैनामे तेजी से जारी हैं। जल्द अन्य चिह्नित गांवों की जमीनों के भी बैनामे शुरू कर दिए जाएंगे। झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के लिए एक ओर जहां ग्रामीणों से उनकी जमीनों के बैनामे कराए जा रहे हैं, वहीं गांवों की सरकारी जमीनों को भी तेजी से बीडा के नाम दर्ज किया जा रहा है।
इन गांवों की जमीन कब्जे में ली गई
8 फरवरी को चिह्नित जमीनों के बैनामों की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसकी शुरुआत गांव सारमऊ से हुई और अब अंबावाय, ढिकौली, किल्चवारा खुर्द, रमपुरा, गुढ़ा, राजापुर, गेवरा और ग्राम बैदोरा की जमीनों के बैनामे भी किए जाने लगे हैं। अब तक 370 बैनामे किए जा चुके हैं जिनके जरिए 250 हेक्टेअर जमीन बीडा के नाम दर्ज की जा चुकी है।
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इन गांवों में तेजी से हो रहा काम
जानकारी के मुताबिक अब तक गांव गुढ़ा, खजराहा बुजुर्ग, ढिकौली, रमपुरा, सारमऊ, मठ और वसाई की 258.219 हेक्टेअर जमीन बीडा के नाम दर्ज की जा चुकी है। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वरुण कुमार पांडेय ने बताया कि बीडा के लिए निर्बाध रूप से बैनामों की प्रक्रिया जारी है। अब तक नौ गांवों की जमीनें ली जाने लगी हैं। जल्द ही चिह्नित अन्य गांवों की जमीनों के भी बैनामे शुरू कर दिए जाएंगे।