Hospital with 100 Beds: पीएम मोदी ने 100 बेड्स वाले अस्पताल का किया शिलान्यास, इतने समय में बनकर होगा तैयार
Hospital with 100 Beds: ग्रेटर नोएडा वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र मे निरंतर आगे बढ़ रहे ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) को एक बड़ी उपलब्धि उस समय हासिल हो गई, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां 100 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक की आधारशिला रखी है। इसे बनकर तैयार होने में लगभग 1 साल तक का समय लगेगा। इसके बन जाने से आस पास के इलाकों के लोगों को चिकित्सा सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक चिकित्सा (Hospital with 100 Beds) और शिक्षा के क्षेत्र मे निरंतर आगे बढ़ रहे ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) को एक बड़ी उपलब्धि उस समय हासिल हो गई, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां 100 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक की आधारशिला रखी। करीब 30 करोड़ रुपए की लागत से यह ब्लॉक एक वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा। यहां सड़क दुर्घटनाओं से लेकर हृदयाघात, आपातकालीन प्रसव और नवजात शिशुओं से संबंधित जैसी कठिन चिकित्सकीय सेवाएं मिलने लगेंगी।
गुजरात में बैठकर ग्रेटर नोएडा वालों को दी सौगात
गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय परिसर स्थित जिम्स शैक्षणिक भवन के संजीवनी सभागार में निदेशक ब्रिगेडियर डॉ.आर के गुप्ता, गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविन्द्र कुमार सिन्हा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा सुनील शर्मा,डीन डॉ.रंभा, चिकित्सा अधीक्षक बृजमोहन, कर्नल डॉ.शशि शुक्ला, डॉ.पीएस मित्तल और राजकीय निर्माण निगम के मुख्य अभियंता आरपी सिंह समेत सैकड़ों लोग इस महत्वपूर्ण अवसर के साक्षी बने जब प्रधानमंत्री ने राजकोट गुजरात से वर्चुअली जिम्स के क्रिटिकल केयर ब्लॉक का शिलान्यास किया।
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15 जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का होगा निर्माण
इस अवसर पर निदेशक ब्रिगेडियर डॉ.आर के गुप्ता ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में जिम्स की चिकित्सा सेवाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। यहां एमआरआई, सीटी स्कैन और ब्लड बैंक जैसी सुविधाएं शुरू हो चुकी हैं। इससे जिम्स आने वाले रोगियों की संख्या में भी कई गुना वृद्धि हुई है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री द्वारा आज प्रधानमंत्री अभीम योजना के अंतर्गत गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद समेत उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का शिलान्यास किया गया है। इनके बनने के बाद दिल्ली के बड़े अस्पतालों पर तो भार कम होगा ही। उत्तर प्रदेश के लोगों को उनके निकट ही कठिन चिकित्सा संबंधी सेवाएं मिलने लगेंगी और उन्हे इलाज के लिए इधर से उधर भटकना नहीं पड़ेगा।