Noida News: फ्लैट बायर्स के लिए खुशखबरी, चार दिन बाद शुरू होगी फ्लैट्स की रजिस्ट्री
Noida News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सभी फ्लैट बायर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। पिछले सात वर्षों से फ्लैट की रजिस्ट्री न होने से परेशान बायर्स का इंतजार तीन दिन बाद खत्म होने वाला है। शासन के आदेश के बाद 1 फरवरी से फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री शुरू होने की उम्मीद है। अथॉरिटी के बकाये के कारण जिन सोसाइटी में रजिस्ट्री रुकी हुई थी, वहां की रजिस्ट्री शुरू होने के बाद फ्लैट बायर्स को राहत मिलेगी।
क्या है पूरा मामला
खबर के मुताबिक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पिछले सात वर्षों से फ्लैट की रजिस्ट्री न होने से परेशान बायर्स का इंतजार तीन दिन बाद खत्म होने वाला है। शासन के आदेश के बाद 1 फरवरी से फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री शुरू होने की उम्मीद है। अथॉरिटी के बकाये के कारण जिन सोसाइटी में रजिस्ट्री रुकी हुई थी, वहां की रजिस्ट्री शुरू होने के बाद फ्लैट बायर्स को राहत मिलेगी। कुछ दिनों पहले अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के बाद यूपी कैबिनेट के फैसले से बकायेदार बिल्डरों को राहत मिली है। बिल्डरों ने बकाया राशि जमा करनी शुरू कर दी है। जल्द ही अथॉरिटी की तरफ से कैंप लगाकर रजिस्ट्री करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
57 बिल्डरों पर बकाया
जिन 13 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री शुरू होगी, उनमें 1900 से ज्यादा फ्लैट हैं। जैसे-जैसे अथॉरिटी को बकाया राशि मिलेगी, उस हिसाब से बिल्डरों की रजिस्ट्री खोली जाएगी। जिन 57 बिल्डरों पर बकाया है, उनमें से 13 बकाया जमा करने के लिए आगे आए हैं। इन बिल्डरों के लिखित सहमति देने के साथ ही बकाये की 25-25 प्रतिशत रकम जमा करना शुरू कर दिया है।
नोएडा के 20 बिल्डरों को छूट
एक आंकड़े के मुताबिक, करीब 20 बिल्डर ऐसे हैं, जिनको कोविड काल और एनजीटी से जुड़ी छूट का लाभ मिल रहा है। वहीं, कुछ बिल्डरों का कहना है कि गणना में तकनीकी पेंच आ रहा है। प्राधिकरण ने सबसे पहले 2020 से 2022 तक के लिए छूट की गणना की है। इसके बाद वर्ष 2013 से 2015 की गणना की गई है। पहले एनजीटी काल की गणना की जाती तो उनका प्रिंसिपल अमाउंट घट जाता। इसके बाद 2020 से 2022 के दौरान की गणना में राशि कम आती। इस वजह से राशि अब भी उम्मीद से अधिक है।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें मंजूर
नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 31 मार्च 2023 को किया गया था। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था। इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है।
यह भी पढ़ें…
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रजिस्ट्री
नोएडा के कई प्रोजेक्ट में फंसे बायर्स पिछले 5 से 7 साल से रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं। आएदिन बायर्स सड़क पर प्रदर्शन करते दिखते हैं। ब्याज दर पर अथॉरिटी और बिल्डर के बीच सहमति नहीं बन पाने से खरीदार परेशान हो रहे थे। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला दिये जाने के बाद भी बिल्डर बकाया पैसा जमा करने के लिए आगे नहीं आ रहे थे। इसके बाद में अमिताभ कांत समिति की सिफारिश के बाद योगी सरकार ने समस्या का समाधान निकाला है।