November 1, 2024, 5:30 am

Noida News: पानी की भारी किल्लत, आधी आबादी को नही मिल पा रहा है पीने के लिए साफ पानी

Written By: गली न्यूज

Published On: Sunday January 28, 2024

Noida News: पानी की भारी किल्लत, आधी आबादी को नही मिल पा रहा है पीने के लिए साफ पानी

Noida News: नोएडा में पीने के पानी की समस्या सुलझने का नाम नहीं ले रही है। अभी भी नोएडा की आधी आबादी को पीने का साफ पानी मय्यसर नही है। इसलिए गंगाजल पर निर्भरता ने ज्यादातर शहर के लोगों को मजबूर किया है। लेकिन इसके भी पाइपलाइन भी ध्वस्त हो गए हैं। प्रशासन से गंगाजल की नई पाइपलाइन का लोगों को इंतजार है, लेकिन अभी फिलहाल इसकी कोई व्यवस्था नहीं हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह भूमिगत जल का खारा होना है। यह पीने के योग्य नहीं है।

क्या है पूरा मामला

नोएडा शहर में पीने के पानी की किल्लत दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। हालात ऐसे हैं की नोएडा की आधी आबादी को साफ पानी मयस्सर नहीं है। कई सेक्टरों और गांवों में आज भी दूषित पानी की आपूर्ति होती है। यही नहीं, शहर के अधिकांश लोगों को गंगाजल नसीब नहीं हो पा रहा है। केवल खारे पानी में गंगाजल मिश्रित पानी का लॉलीपॉप दिखाकर आपूर्ति की जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह भूमिगत जल का खारा होना है। यह पीने के योग्य नहीं है। ऐसे में गाजियाबाद के प्रताप विहार से जोड़ते हुए पूरे शहर में गंगाजल की पाइपलाइन डाली गई है। इस पाइपलाइन के सहारे गंगाजल की आपूर्ति शहर में होती है। नोएडा प्राधिकरण गंगाजल को स्टोर करता है और उसे खारे पानी में मिक्स करता है। यहां खास बात यह कि सेक्टरों के हिसाब से इसका अनुपात भी होता है। ए श्रेणी के सेक्टर के लिए गंगाजल की मात्रा ज्यादा होती है। वहीं सी श्रेणी के सेक्टर में यह अनुपात कम होता है। जितना ज्यादा गंगाजल मिलाया जाता है।

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13 साल बाद भी नही कारगर 80 क्यूसेक लाइन

13 वर्ष पहले शहर में गंगाजल की आपूर्ति के लिए 80 क्यूसेक की पाइपलाइन पूरे शहर में डाली गई। लेकिन इसे अफसरों की लापरवाही कहें या शहर के लोगों की किस्मत कि यह लाइन कारगर नहीं हो पाई। अधिकांश स्थानों पर लाइन टूटी है। इससे शहर के अधिकांश सेक्टरों में आपूर्ति संभव नहीं है। ऐसे में आधी आबादी प्रभावित है। हालांकि प्राधिकरण की ओर से इसकी मरम्मत के लिए बीते बोर्ड बैठक में 4.95 करोड़ रुपये जारी किया गया है, लेकिन मीलों लंबी लाइन की मरम्मत आसान नहीं है। प्राधिकरण के अफसर केवल कागजों में ही इसका खाका तैयार कर रहे हैं।

90 मिलियन लीटर अतिरिक्त पानी मिलने का दावा भी खोखला

नोएडा में फिलहाल गंगाजल की दो पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति की जाती है। इसमें एक पाइपलाइन की क्षमता 20 क्यूसेक और दूसरे की 80 क्यूसेक है। इससे 240 मिलियन लीटर पानी रोजाना देने का दावा किया जाता है। 37.5 क्यूसेक परियोजना के निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जलापूर्ति शुरू होने पर 90 मिलियन लीटर पानी अतिरिक्त मिलने का दावा किया जा रहा है। लेकिन यह दावा बीते एक वर्ष से किया जा रहा है। लिहाजा यह कब तक शुरू होगा, कहा नहीं जा सकता है। 80 क्यूसेक की लाइन पहले ही धोखा दे चुकी है।

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दावों से 130 मीलियन लीटर कम पानी की आपूर्ति

नोएडा प्राधिकरण यह दावा करता है कि वह शहर में 330 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति रोजाना करता है। लेकिन जगह-जगह पाइप लाइन के ध्वस्त होने की वजह से 130 मीलियन लीटर कम पानी की आपूर्ति हो रही है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर स्वीकार भी करते हैं। उनका साफ कहना है कि पाइपलाइन लाइन की मरम्मत आसान नहीं है। लिहाजा दिक्कत तो होगी।

एक्सप्रेसवे के किनारे की सैकड़ों सोसाइटियों को गंगाजल का इंतजार

प्राधिकरण की 37.5 क्यूसेक परियोजना के माध्यम से एक्सप्रेसवे के किनारे की सोसाइटियां और 25 सेक्टरों के 6 लाख लोग लाभ प्राप्त करेंगे। इसके लिए दिनरात काम चल रहा है। इसके तैयार होते ही ग्रेटर नोएडा की सीमा तक फैली सोसाइटियों को गंगाजल मिल पाएगा।

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