Delhi News: एम्स में एक अप्रैल से होगा केवल डिजिटल भुगतान, कैश से नही होगा लेनदेन
Delhi News: दिल्ली के एम्स अस्पताल में पेमेंट से जुड़ी बड़ी खबर है। एम्स अस्पताल में अप्रैल से केवल डिजिटल भुगतान ही चलेगा, कैश प्रेमेंट पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए एम्स के निदेशक ने एम्स स्मार्ट कार्ड को 31 मार्च तक सभी भुगतानों के लिए शुरू करने का निर्देश दिया है। एम्स ने पिछले साल एक अप्रैल से पायलट प्रोजेक्ट के तहत एसबीआई बैंक के सहयोग एम्स स्मार्ट कार्ड की सुविधा शुरू की थी। इसकी मदद से विभिन्न जांच व नाश्ता/भोजन सहित सभी जगहों पर भुगतान किया जा रहा है। इसका पूरा रिकार्ड रहता है, जिसका ऑडिट किया जा सकता है।
क्या है पूरा मामला
खबर के अनुसार नई दिल्ली में एम्स अस्पताल में एक अप्रैल से किसी भी प्रकार के शुल्क के लिए 100 फीसदी डिजिटल भुगतान होगा। पैसे से किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं होगा। एम्स ने पिछले साल एक अप्रैल से पायलट प्रोजेक्ट के तहत एसबीआई बैंक के सहयोग एम्स स्मार्ट कार्ड की सुविधा शुरू की थी। इसकी मदद से विभिन्न जांच व नाश्ता/भोजन सहित सभी जगहों पर भुगतान किया जा रहा है। इसका पूरा रिकार्ड रहता है, जिसका ऑडिट किया जा सकता है।
बीते दिनों एक आउटसोर्स सेवा प्रदाता ने मरीजों के अंतिम डिस्चार्ज बिलों के साथ छेड़छाड़ की थी और उनसे अधिक शुल्क लिया था। इससे मरीजों को परेशानी हुई थी। इसे रोकने के लिए एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने एम्स स्मार्ट कार्ड को 31 मार्च तक सभी प्रकार के भुगतानों के लिए शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा किसी भी काउंटर पर कोई नकद भुगतान स्वीकार नहीं किया जाएगा। टॉप अप काउंटर ओपीडी, अस्पताल और केंद्रों के भीतर कई स्थानों पर संचालित होंगे। यह 24 घंटे सभी दिन सेवा देंगे।
यूपीआई, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के अलावा एम्स स्मार्ट कार्ड सभी जांचों और प्रक्रियाओं के लिए भुगतान का एकमात्र तरीका है। सभी भुगतान रोगी के स्थान के निकटतम स्थापित भुगतान अंत बिंदुओं पर स्वीकार किए जाएंगे और रोगियों या उनके परिचारकों को कोई भी भुगतान करने के लिए केंद्रीय पंजीकरण काउंटरों पर जाने के लिए नहीं कहा जाएगा।
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ई-ऑफिस हुआ अनिवार्य
एम्स निदेशक ने आदेश जारी कर कहा है कि एक अप्रैल से एम्स में प्रशासनिक प्रणालियों में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखने के लिए केवल ई-ऑफिस का इस्तेमाल होगा। आंतरिक संचार के लिए किसी भी भौतिक फाइल या कागजी पत्राचार पर विचार नहीं किया जाएगा। साथ ही, एम्स में कोई भी भौतिक फाइल, नोटशीट आदि तत्काल प्रभाव से नहीं खरीदी जाएगी