Noida News: राम का किरदार निभाने से विचार हुए शुद्ध, बोले- रामलीला के कलाकार
Noida News: भगवान श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह है। इसी सिलसिले में नोएडा में रामलीला का मंचन करने वाले कलाकारों से जब पूछा गया की उन्होंने भगवान श्री राम से क्या सीखा तो उन्होंने बताया की राम का किरदार निभाने से विचारों में आई शुद्धता आई है, जीवन में मर्यादा सीखी है। शहर की रामलीलाओं के कलाकार बोले- प्रभु श्रीराम का चरित्र अद्भुत है।
क्या है पूरा मामला
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम में आदर्श पुत्र, भाई, पति और राजा के गुण समाहित हैं। समग्र रूप में देखा जाए तो मर्यादा का दूसरा नाम राम है। उनका किरदार निभाने से विचारों में शुद्धता आती है। मर्यादा सीखी जा सकती है। शहर की रामलीलाओं में किरदार निभाने वाले कलाकारों ने ये बातें कहीं। उन्होंने माना कि मंचन के दौरान वह स्वयं में श्रीराम के गुणों की अनुभूति करते हैं। इससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आए हैं। श्रीराम ऐसा चरित्र हैं, जो देख ले वह सबकुछ उन पर न्यौछावर कर दे। सालभर में कई किरदार निभाते हैं, लेकिन श्रीराम जैसा कोई और नहीं। अब वह अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर काफी उत्साहित हैं।
सदैव दूसरों को सुख देने का आता है ख्याल
सेक्टर-62 स्थित रामलीला मैदान में श्रीराम का किरदार निभाने वाले अनुज सक्सेना ने बताया कि वह 14 वर्ष से ऐसा करते-करते अपने जीवन में बदलाव महसूस कर रहे हैं। अब सदैव दूसरों की सेवा करना, छोटे-बड़े सभी का सम्मान करना, प्रतिदिन श्रीराम की पूजा करना, सभी के लिए प्यार बनाए रखना, किसी को अपशब्द न बोलना आदि उनके स्वभाव में आ गया है। वह चाहते हैं कि राम की कृपा बनी ही रहे और मेरे मन से सारे विकार निकल जाएं।
रोज करता हूं राम चरित्र का पालन
सेक्टर-46 की रामलीला में राम बनने वाले जग्नेश भारद्वाज का कहना है कि यह उनके जीवन का सबसे अच्छा फैसला रहा है। अभिनय ही नहीं अब निजी जिंदगी में भी राम के चरित्र का पालन करते हैं। किसी की बुराई से दूर होकर केवल लोगों की भलाई करने को ही जी चाहता है। उन्होंने बताया राम के अभिनय के दौरान कई नियमों का पालन करना होता है। इन्हें वह साल भर जारी रखते हैं।
वाणी पर संयम और क्रोध पर करता हूं नियंत्रण
नोएडा स्टेडियम में राम का किरदार निभाते आ रहे दिवाकर ने बताया कि श्रीराम का अभिनय करना तो आसान हैं, लेकिन निजी जीवन में उनके पद चिह्नों पर चलना उतना ही मुश्किल है। उनके लिए व्यक्ति को बहुत कुछ त्याग करना होता है। हालांकि राम की ही कृपा है कि वह वाणी पर संयम, क्रोध पर नियंत्रण के साथ खान पान आदि में नियम से चल रहे हैं। श्रीराम का किरदार निभाते-निभाते 16 साल जीवन में काफी बदलाव महसूस कर रहे हैं।