Noida News: डीजीएम की कमेटी से अप्रूवल मिलने के बाद होगा स्ट्रक्चर ऑडिट, कमजोर इमारतों के स्ट्रक्चर ऑडिट के लिए AOA ने किया आवेदन
Noida News: नोएडा में कमजोर इमारतों के स्ट्रक्चर ऑडिट को लेकर बड़ी खबर है। प्राधिकरण की स्ट्रक्चर ऑडिट पॉलिसी बन चुकी है। इसे अप्रैल से लागू भी कर दिया गया है। लेकिन एक भी सोसाइटी का स्ट्रक्चर ऑडिट अब तक नहीं हो सका है। अब इसके नियम में कुछ बदलाव किया गया है। सोसाइटी की ओर से आवेदन करने के बाद पहले डीजीएम स्तर पर बनी एक कमेटी नियोजन विभाग के साथ सोसाइटी का निरीक्षण करेगी। इस कमेटी में डीजीएम सिविल, डीजीएम जल और डीजीएम जन स्वास्थ्य को शामिल किया गया है।
क्या है पूरा मामला
खबर के अनुसार नोएडा में प्राधिकरण की स्ट्रक्चर ऑडिट पॉलिसी बन चुकी है। इसे अप्रैल से लागू भी कर दिया गया है। लेकिन एक भी सोसाइटी का स्ट्रक्चर ऑडिट अब तक नहीं हो सका है। अब इसके नियम में कुछ बदलाव किया गया है। सोसाइटी की ओर से आवेदन करने के बाद पहले डीजीएम स्तर पर बनी एक कमेटी नियोजन विभाग के साथ सोसाइटी का निरीक्षण करेगी।
प्राधिकरण की इस समिति को लगता है की सोसाइटी में स्ट्रक्चर ऑडिट की जरूरत है तो ही वे AOA या बिल्डर को आगे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए अप्रूवल देंगे। एकबार अप्रूवल मिलने के बाद आवेदन कर्ता प्राधिकरण के चुने हुए पैनल में किसी एक से स्ट्रक्चर ऑडिट करवा सकता है। अब तक नोएडा प्राधिकरण में 8 सोसाइटी ने स्ट्रक्चर ऑडिट करने के लिए आवेदन किए हैं। इसमें से अब तक एक भी सोसाइटी का निरीक्षण नही किया जा सका है। बताया गया है की टीम जल्द ही आठों सोसाइटी में जाकर फिजिकल दौरा कर सकती है।
नोएडा में करीब 100 सोसाइटी हैं जिनमे से 400 हाईराइज इमारतें हैं। सवाल ये है की इन इमारतों की मजबूती कितनी है। इनमे से ज्यादातर इमारतों को बने हुए 5 साल से ज्यादा हो चुके है। प्राधिकरण का दावा है की यहां बनी इमारत रिएक्टर स्केल 7 से 8 तक का झटका झेल सकती हैं। जिन इमारतों की लाइफ पांच साल हो चुकी है, आरडब्यूए और AOA भी इन एजेंसियों से स्ट्रक्चर ऑडिट करवा सकता है। इसका खर्चा उन्हें खुद देना होगा। हालांकि नोएडा में बायर्स की ओर से हमेशा स्ट्रक्चर ऑडिट को लेकर शिकायत होती रही है। इसके लिए प्राधिकरण ने एक कमेटी का गठन किया है। जो तय करेगी की इमारत में माइनर इफेक्ट है या फिर मेजर इफेक्ट है।
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प्राधिकरण के पैनल में शामिल एजेंसियां जो स्ट्रक्चर ऑडिट करेंगी
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एमएनआईटी प्रयागराज
बिट्स पिलानी
एन आई टी जयपुर
सीबीआरआई रुड़की