Indian Railways: ट्रेनों में लगेंगे 5.16 लाख सीसीटीवी कैमरे, लोकोमोटिव होंगे सीवीआरएस कैमरों से लैस
Indian Railways: इंडियन रेलवे ने ट्रेनों के अंदर यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए नई पहल शुरू की है। अब ट्रेनों के कोच में 5.16 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जायेंगे। इसके साथ ही लोकोमोटिव में सीवीआरएस कैमरे लगेंगे। मार्च तक इन कैमरों को लगाने का लक्ष्य रखा गया। इनकी तीन वर्ष की वारंटी होगी। पहले से चल रही शताब्दी, शेरे पंजाब जैसी कुछ ही ट्रेनों के कोच में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र ने इसके लिए टेंडर निकाला है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक भारतीय रेलवे सीसीटीवी कैमरों से ट्रेनों की सुरक्षा मुकम्मल करेगी। इसके लिए 5,16,115 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें से 1,82,279 सीसीटीवी कैमरे इंजन में लगेंगे। कैमरे अत्याधुनिक होंगे। इसमें आवाज भी रिकॉर्ड किया जाएगा। वहीं, 3,33,836 सीसीटीवी कैमरे 44,038 ट्रेनों के कोच में लगेंगे। इससे सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होगी। मार्च तक इन कैमरों को लगाने का लक्ष्य रखा गया। इनकी तीन वर्ष की वारंटी होगी। पहले से चल रही शताब्दी, शेरे पंजाब जैसी कुछ ही ट्रेनों के कोच में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र ने इसके लिए टेंडर निकाला है।
गौर करने वाली बात है कि गत वर्ष अगस्त में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर महिला हेड कांस्टेबल से बर्बरता के मामले में आरोपियों की पहचान करने में जांच एजेंसियों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब ट्रेनों के इंजन और कोच सीसीटीवी कैमरों से लैंस होंगे। हालांकि ट्रेन के काेच में सीसीटीवी कैमरों लगाने की योजना कई वर्ष पुरानी है। जिसे अब धरातल पर उतारा जा रहा है।
लोकोमोटिव में लगेंगे सीवीवीआरएस कैमरे
14359 लोकोमोटिव (रेल इंजन) में नए लगाए जाने वाले कैमरे क्रू वॉयस और वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम (सीवीवीआरएस) वाले होंगे। सीवीवीआरएस का उद्देश्य सुरक्षा मापदंडों को बढ़ाना और संचालन के दौरान लोकोमोटिव पायलटों के कामकाज की निगरानी करना है। इस प्रणाली में अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं जो वास्तविक समय की निगरानी करेंगी। प्रत्येक लोकोमोटिव के केबिन के अंदर और बाहर दोनों जगह कैमरे लगाए जाएंगे। केबिन के अंदर ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड करने की क्षमता वाले कैमरे होंगे, जिससे चालक दल की सतर्कता, कार्य गतिविधियों और सिग्नल कॉलआउट के पालन की वास्तविक समय की निगरानी की सुविधा मिलेगी। यह कैमरे केबिन के अंदर अनधिकृत व्यक्तियों की पहचान करने में भी मदद करेंगे। साथ ही तकनीकी खराबी की स्थिति में तकनीकी सेवा दस्तावेज़ (टीएसडी) के अनुसार समस्या के समाधान में भी कैमरों की मदद ली जा सकेगी।
44,038 कोच में लगेंगे तीन लाख से अधिक कैमरे
44038 कोच में 3,33,836 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। इससे यात्रियों की सुरक्षा भी पुख्ता होगी। ट्रेनाें में होने वाली आपराधिक घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी। कोच में लगने वाले सीसीटीवी कैमरे में यात्रियों की निजता का हनन ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। यह कैमरे चेहरा पहचानने वाली तकनीक और रात्रि में भी स्पष्ट नजर आने वाली तकनीक से लैंस हैं।
डाटा का विवरण एकत्र करने में भी मिलेगी मदद
इन कैमरों के जरिये रेलवे को डाटा एकत्र करने में भी मदद मिलेगी। इनकी रिकार्डिंग सुरक्षित रखी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि कोई हादसा होने पर इसकी जांच और हादसे का कारण पता लगाने में भी मदद मिलेगी। सभी कैमरों को रेलवे के डेटाबेस से जोड़ा जाएगा। डेटा सेंटर दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई समेत 5 स्थानों पर हैं।
सीमा और सतीश कुमार रेलवे बोर्ड के सदस्य बने
रेलवे बोर्ड में खाली पदों पर नियुक्ति कर दी गई है। सीमा कुमार व सतीश कुमार रेलवे बोर्ड सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, अरुणा नायर रेलवे बोर्ड की सचिव होंगी। सीमा कुमार ने रेलवे बोर्ड के सदस्य (संचालन एवं व्यवसाय विकास) का कार्यभार संभाला है।वहीं, सतीश कुमार ने सदस्य (ट्रैक्शन एंड रोलिंग स्टॉक) का कार्यभार संभाल। रेलवे बोर्ड सदस्य सीमा कुमार रेलवे बोर्ड में अतिरिक्त सदस्य (पर्यटन एवं खानपान) के पद पर थीं।
1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) में शामिल हुईं। वह मेरठ विश्वविद्यालय से एमएससी (भौतिकी) में स्वर्ण पदक विजेता हैं और उन्होंने आईआईटी दिल्ली से एमटेक किया है। सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार 2014-2015 जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। रेलवे बोर्ड सदस्य सतीश कुमार भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर्स सेवा के 1986 बैच के अधिकारी हैं।
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वे प्रबंधक लखनऊ मंडल व प्रयागराज में महाप्रबंधक के रूप में काम कर चुके हैं। अरुणा नायर को रेलवे बोर्ड के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। वे डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर तथा सेवा प्रशिक्षण के अंग के रूप में 2009 में ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी से सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर किया है।