November 22, 2024, 8:37 pm

Delhi News: अमृत योजना के तहत पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित होंगी झीलें

Written By: गली न्यूज

Published On: Sunday January 7, 2024

Delhi News: अमृत योजना के तहत  पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित होंगी झीलें

Delhi News: अमृत योजना के तहत दिल्ली में जलस्रोतों को पुनर्जीवित किया जा रहा। इनमें से पांच जलस्रोतों को विकसित करने की जिम्मेदारी निगम के उद्यान विभाग की है। झीलों को नगर निगम पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रहा है। आने वाले दिनों में युवाओं, महिलाओं और बच्चों के लिए ये सुबह-शाम जॉगिंग करने, बुजुर्गों के लिए बैठकर समय पास करने का सबसे बेहतर स्पॉट होंगी। इनसे आसपास भूगर्भ जल का स्तर भी संतुलित रहेगा और पार्कों की सिचाई के लिए इन झीलों का पानी इस्तेमाल करने का एक बेहतर विकल्प मिलेगा।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक बदसूरत सी दिखने वाली झीलों को नगर निगम पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रहा। आने वाले दिनों में युवाओं, महिलाओं और बच्चों के लिए ये सुबह-शाम जॉगिंग करने, बुजुर्गों के लिए बैठकर समय पास करने का सबसे बेहतर स्पॉट होंगी। इनसे आसपास भूगर्भ जल का स्तर भी संतुलित रहेगा और पार्कों की सिचाई के लिए इन झीलों का पानी इस्तेमाल करने का एक बेहतर विकल्प मिलेगा।

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नगर निगम 21 जलस्रोतों को फिर से पानी से लबालब करने की तैयारी कर रहा है। इन्हें संवारने का चल रहा है। सभी जलस्रोतों को अमृत योजना के तहत पुनर्जीवित किया जा रहा। इनमें से पांच जलस्रोतों को विकसित करने की जिम्मेदारी निगम के उद्यान विभाग की है। कुछ का वर्क ऑर्डर अभी हुआ है, कुछ का जल्द होने की उम्मीद है। निगम अधिकारियों की मानें तो जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर गांव में 1.446 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सूखी पड़ी झील को विकसित करने के लिए 1.17 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

इसके किनारे बाउंड्री बनाई जाएगी। आसपास चलने के लिए ट्रैक बनाए जाएंगे। बैठने के लिए सीमेंट की बेंच लगाई जाएंगी। गाजीपुर हाईवे अपार्टमेंट के पास 0.62 हेक्टेयर में सूखी पड़ी झील को 0.11 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा। ताहिरपुर गांव में 0.741 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सूखी पड़ी झील को 1.26 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होगी। द्वारका सेक्टर-19 अंबरहाट गांव में पार्क के अंदर स्थित 1.685 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली झील को ऐसे ही विकसित किया जाएगा। इसमें हर साल बरसाती पानी जमा होता है। 1.25 करोड़ रुपये की लागत से इसे विकसित करने की तैयारी है।द्वारका सेक्टर-23 पोचनपुर गांव के पार्क में 0.539 हेक्टेयर क्षेत्रफल में स्थित तालाब को 0.75 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाना है। इसमें भी मौजूदा समय बरसाती पानी जमा होता है, लेकिन साफ सफाई नहीं होने के कारण बरसात बीतने के कुछ महीने बाद ही सूख जाती है।

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15 जलस्रोतों का निर्माण करेगा इंजीनियरिंग विभाग एमसीडी के इंजीनियरिंग विभाग के पास 15 झीलों के निर्माण की जिम्मेदारी है। छह झीलों के विकास का काम करीब 70% से ज्यादा हो गया है, जबकि चार का काम 20% से कम हुआ है। दो काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है। मसूदपुर गांव पार्क, रामफल चौक, द्वारका सेक्टर-8 सी ब्लॉक, द्वारका सेक्टर-7 पॉकेट-1, द्वारका सेक्टर-7 गोकुल गार्डन, द्वारका सेक्टर-8, बागडोला गांव, रोशनपुरा, ढिचाऊं कलां, आया नगर, नरेला माता मनसा देवी मंदिर के पास, नरेला पाना-पपोसिया, मॉडल-टाउन नेनी झील, रोशनारा बाग और वॉर्ड-73 सिविल लाइंस में इंजीनियरिंग विभाग झीलों को नए सिरे से संवारने का काम कर रहा। बनकर तैयार हो जाने के बाद इनकी देखरेख उद्यान विभाग करेगा। पूर्वी दिल्ली में वेलकम झील का आधे से ज्यादा काम हो गया है, लेकिन आर्थिक कारण से पिछले कई महीने से बाकी काम रुका है।

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