EPFO: PF निकालने के लिए है परेशान तो, यहां जानें असान तरीका
EPFO: नौकरीपेशा वाले लोग और उसके घरवालों को PF (EPFO) खाते में जमा पैसों से बड़ी उम्मीदें होती हैं। नौकरी चली जाए या कोई इमरजेंसी आ जाए तो 10 दिनों में PF खाते में जमा पैसे सीधे बैंक अकाउंट में आ जाते हैं। प्राइवेट और सरकारी नौकरी करने वाले लोगों के वेतन से हर महीने एक निश्चित हिस्सा PF खाते में जमा होता है। जिस पर उन्हें ब्याज भी मिलता है। हालांकि, PF खाते से पैसे सीधे नहीं निकाले जा सकते। इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं।लेकिन दिक्कत तब होती है, जब ऐन वक्त पर लोगों का PF क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। अच्छे दिनों में लोग PF और उसके नियमों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। फिर अचानक से कोई मुश्किल आ जाए तो PF क्लेम करते हैं। लेकिन कई वजहों से उनका क्लेम रिजेक्ट हो जाता है।
आधार और EPFO डिटेल में अंतर हुआ तो नहीं मिलेंगे PF के पैसे
PF पैसों के लिए भरे क्लेम फॉर्म, आधार कार्ड और पहले से मौजूद EPFO डिटेल में थोड़़ा भी अंतर हुआ तो दावा खारिज कर दिया जाएगा। पर्सनल और फैमिली डिटेल में भी अंतर दावा अस्वीकृति की वजह बन सकता है।
इससे बचने के लिए आवेदन के साथ एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी करके इसे सुधरवाया जा सकता है। ऐसी स्थिति में दावा अस्वीकृत भी नहीं होता। नई और पुरानी जानकारियां बेमेल नहीं होनी चाहिए। ध्यान रखें कि आपके दावा फॉर्म की जानकारियां हुबहू EPFO डिटेल से मेल खानी चाहिए।
जॉइंट अकाउंट से दावा करने में होगी दिक्कत, जान लीजिए नियम
अगर जॉइंट अकाउंट से PF क्लेम कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि वह जॉइंट अकाउंट सिर्फ जीवनसाथी के साथ का होना चाहिए। जीवनसाथी यानी पति-पत्नी के अलावा किसी और के साथ का जॉइंट PF क्लेम रिजेक्शन की वजह बन सकता है।
EPFO के मुताबिक दावा फॉर्म में चेक और पासबुक की साफ-साफ फोटो अपलोड होनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि क्लेम फॉर्म में फोटो कॉपी की जगह ओरिजनल चेक और पासबुक की फोटो ही अपलोड करें।
हर रिजेक्शन के बाद फिर से कराना होगा KYC, आधार से लिंक जरूरी
जितनी बार भी PF क्लेम रिजेक्ट हो, अगले दावे के लिए नए सिरे से KYC की जरूरत होती है। अधूरी KYC डिटेल रिजेक्शन की एक बड़ी वजह है। इसके लिए अपने PF पोर्टल पर लॉगइन करके खुद से या नियोक्ता के माध्यम से KYC डिटेल पूरी कर सकते हैं।
साथ ही पुरानी नौकरियों की जॉइनिंग और इस्तीफे की सही तारीख भी दर्ज होनी चाहिए। नहीं तो PF क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा। किसी भी क्लेम की स्वीकृति के लिए जरूरी है कि PF का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर आधार से लिंक हो।
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कब कर सकते हैं PF क्लेम, जानिए इसकी शर्तें
PF का पूरा कॉन्सेप्ट ही कर्मचारियों के लिए जमापूंजी की बाध्यता है। PF कंपनी और कर्मचारियों को भविष्य के लिए कुछ रकम जमा करने को बाध्य करती है। ऐसे में बात-बे-बात PF खाते से पैसे निकाले भी नहीं जा सकते। इसके लिए वाजिब कारण का होना जरूरी है।
मसलन, इलाज, घर खरीदने या मरम्मत, शादी या नौकरी छूटना जैसी कुछ वजहें हैं, जिसके आधार पर PF क्लेम किया जा सकता है। PF खाते में जमा पैसों पर पूरी तरह कर्मचारियों का अधिकार होता है। लेकिन उनके भविष्य को देखते हुए इस खाते से बेरोकटोक पैसे निकालने की मनाही है।
वैसे भी PF में जमा राशि पर 8 से 9% का ब्याज मिलता है। जो अपने आप में एक अच्छा निवेश है। यही वजह है कि जानकार जबतक बेहद जरूरी न हो, PF क्लेम न करने की सलाह देते हैं।
अपनी ओर से भी PF में कर सकते हैं एक्स्ट्रा निवेश
सरकार की ओर से PF को लेकर जो नियम बनाए गए हैं, उसके तहत एक निश्चित रकम कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को हर महीने फंड में डालनी होती है। PF पर मिलने वाली ब्याज की दर दूसरी किसी भी रिटर्निंग के मुकाबले बढ़िया मानी जाती है।
ऐसे में अगर इम्पलॉई चाहें तो PF फंड में एक्स्ट्रा इन्वेस्ट भी कर सकते हैं। पीपीएफ में आप 500 रुपए से 1.5 लाख रुपए तक सालाना जमा कर सकते हैं। 15 साल वाली इस स्कीम को आप 5-5 साल के लिए आगे भी बढ़ा सकते हैं। अगर आप हर महीने इसमें 12,500 रुपए निवेश करते हैं तो आप 25 साल में 1,03,08,015 रुपए के मालिक होंगे।