Gurugram News: ट्विन टावर की तरह नहीं तोड़े जायेंगे चिंटेल्स पैराडिसो के पांचों टावर, क्या है योजना आइए जानें…..
Gurugram News: अभी हाल ही में गुरुग्राम से एक बड़ी खबर निकल कर आई है। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम के चिंटेल्स पैराडिसो के पांच टावरों को तोड़े जाने से तीन हजार डंपर से अधिक मलबा निकलेगा। मलबे की वजह से आसपास प्रदूषण का स्तर न बढ़े इसके लिए ऊपर से पानी का छिड़काव कुछ-कुछ समय के बाद कराना जरूरी होगा। डंपरों को ऊपर से ढककर सीएंडडी वेस्ट प्लांट तक मलबा पहुंचाया जाएगा। इसके पीछे की वजह है की मलबे के कारण आसपास का माहौल प्रदूषित न होने पाए।
क्या है पूरा मामला
जैसा की जानकारी मिली है की आदित्य राज, गुरुग्राम में चिंटेल्स पैराडिसो के पांच टावरों को जल्द ही तोड़ा जाएगा । इन टावरों के ध्वस्त किए जाने से करीब तीन हजार डंपर से अधिक मलबा निकलेगा। मलबे की वजह से आसपास प्रदूषण का स्तर न बढ़े इसके लिए ऊपर से पानी का छिड़काव कुछ-कुछ समय के अंतराल पर करना होगा। डंपरों को ऊपर से ढककर सीएंडडी वेस्ट प्लांट तक मलबा पहुंचाना होगा। इससे रास्ते में मलबे की वजह से प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ेगा। इस बारे में तोड़फोड़ करने वाली एजेंसी एडिफिस ने बिल्डर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
टावरों को ब्लास्ट नहीं किया जायेगा
बताया जा रहा की टावरों को ब्लास्ट करने की बजाय मशीनों से तोड़ा जाएगा, इस बारे में एजेंसी पहले ही रिपोर्ट दे चुकी है। पहले यही लग रहा था कि नोएडा के ट्विन टावर की तरह चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के पांच टावर ध्वस्त किए जाएंगे। एजेंसी का कहना है कि आसपास और भीकई टावर मौजूद हैं। इसलिए ब्लास्ट नहीं किया जा सकता है। यही नहीं आसपाई कई अन्य सोसाइटियां हैं। ब्लास्ट किए जाने से नुकसान हो सकता है। इसके अलावा जिन टावरों को ध्वस्त किए जाना है, वे इतने कमजोर हैं कि ध्वस्त किए जाने की तैयारी के दौरान भी गिर सकते हैं।
सेक्टर-109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसाइटी के डी, ई, एफ, जी एवं एच टावर स्ट्रक्चरल आडिट में रहने के हिसाब से पूरी तरह असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने टावरों को तोड़ने का निर्देश बिल्डर को जारी कर रखा है। निर्देशानुसार बिल्डर ने तैयारी शुरू कर दी है।
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एडिफिस एजेंसी को मिली तोड़फोड़ की जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार तोड़फोड़ की जिम्मेदारी एडिफिस नामक एजेंसी को दे दी गई है। किस तरह से तोड़फोड़ करना है, कितना मलबा निकलेगा, मलबे को कहां डंप किया जाएगा सहित सभी संबंधित विषयों के बारे में अपनी रिपोर्ट बिल्डर को मिल चुकी है।
एजेंसी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने बताया कि उनकी तरफ से रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। अब आगे बिल्डर से निर्देश मिलने का इंतजार है। साथ ही जी एवं एच टावर में रह रहे 15 परिवारों द्वारा फ्लैट खाली करने का इंतजार है। इन परिवारों के साथ बिल्डर का अभी सेटलमेंट नहीं हुआ है।
जिला प्रशासन को सौंपना पड़ेगा डिमोलिशन प्लान
आपको बता दें की तोड़फोड़ शुरू करने से बिल्डर को डिमोलिशन प्लान जिला प्रशासन को सौंपना होगा। प्लान को जिला प्रशासन आगे संबंधित विभागों के पास स्वीकृति के लिए भेजेगा। विभागों से स्वीकृति मिलते ही तोड़फोड़ शुरू कर दी जाएगी। तोड़फोड़ के दौरान सुरक्षा एवं पर्यावरण के ऊपर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
साथ ही आसपास के टावरों को किसी भी स्तर पर नुकसान न हो, यह गारंटी प्रशासन को बिल्डर देगा। यानी हर स्तर पर सुरक्षात्मक उपाए किए जाने के बाद ही तोड़फोड़ करने दिया जाएगा। बता दें कि पिछले वर्ष 10 फरवरी को डी टावर में हादसा हुआ था। छठी मंजिल स्थित एक फ्लैट के ड्राइंग रूम का फ्लोर भरभराकर पहली मंजिल तक गिर गया था। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद स्ट्रक्चरल आडिट कराने का निर्णय लिया गया था। ताकि दुबारा ऐसे हादसों को होने से रोका जा सके।