November 22, 2024, 12:55 am

Green Firecrackers Allowed: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सिर्फ ग्रीन पटाखे ही चलाने को कहा, अन्य प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक

Written By: गली न्यूज

Published On: Saturday September 23, 2023

Green Firecrackers Allowed: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सिर्फ ग्रीन पटाखे ही चलाने को कहा, अन्य प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक

Green Firecrackers Allowed: आगामी पर्व त्यौहार को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सिर्फ ग्रीन पटाखे ही चलाने को कहा है. इसके अलावा एनसीआर में भी ग्रीन पटाखे चला सकेंगे. अन्य प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक रहेगी।

वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) ने कमर कस ली है। बोर्ड ने शुक्रवार को सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि ग्रीन पटाखों को छोड़ सभी अन्य प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक रहेगी।

एक नवंबर से 31 जनवरी तक सिर्फ ग्रीन पटाखे ही चलाए जा सकेंगे। यह निर्देश एनसीआर समेत राज्य के सभी जिलों में लागू रहेगा। बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने बताया कि पटाखों पर प्रतिबंध विशेषज्ञों की रिपोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के फैसलों के आधार पर लगाया गया है।

एचएसपीसीबी की ओर से भेजे गए पत्र में बताया गया कि हरियाणा में अक्तूबर से जनवरी में वायु प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर पर रहता है। वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने में कई कारक शामिल होते हैं।

इनमें पटाखों का भी अहम रोल होता है। पटाखों से धातु के कण, खतरनाक विषाक्त पदार्थ, हानिकारक रसायन और हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो न सिर्फ हवा पर प्रभाव डालते हैं बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इस वजह से इन पटाखों पर रोक लगाना जरूरी है।

उपायुक्तों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह इन निर्देशों का सख्ती से पालन करवाएं और लोगों के बीच जागरूकता फैलाएं। वहीं, बोर्ड के एक मेंबर सेक्रेटरी ने बताया कि शुक्रवार को सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी फैसले की कॉपी देखने के बाद दिशा-निर्देश बदले भी जा सकते हैं।
हरियाणा में 500 करोड़ रुपये का कारोबार
राज्य के करनाल, यमुनानगर, फरीदाबाद, पलवल, महेंद्रगढ़, हिसार और रोहतक समेत अन्य जिलों में पटाखे बनाने की फैक्ट्रियां हैं। हरियाणा में थोक पटाखा कारोबार करीब 500 करोड़ रुपये का है।
साल 2021 में एनसीआर को छोड़कर बाकी शहरों में दिवाली के दिन कुछ घंटे के लिए पटाखे चलाने की अनुमति दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि इस बार सख्ती ज्यादा है, इसलिए पटाखे संबंधी आदेश भी जल्दी जारी कर दिए गए हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से जारी ग्रेप के दिशा-निर्देश भी एक अक्तूबर से लागू हो जाएंगे।
एनसीआर के तीन जिलों में पहुंचा मध्यम स्तर का प्रदूषण
अक्तूबर की शुरुआत से पहले ही एनसीआर में शामिल हरियाणा के तीन जिलों में प्रदूषण का स्तर मध्यम पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) फरीदाबाद में 110, गुरुग्राम में 138 और महेंद्रगढ़ में 139 दर्ज किया गया है।
वहीं, 21 सितंबर तक हरियाणा में पराली के अवशेष जलाए जाने की 19 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। 22 सितंबर को कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में एक-एक पराली जलाए जाने की घटना दर्ज की गई है।

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