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Ghaziabad dog attack: गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से बच्चे की मौत, एम्बुलेंस में तोड़ा दम, किसी भी हॉस्पिटल ने नहीं किया भर्ती

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday September 5, 2023

Ghaziabad dog attack: गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से बच्चे की मौत, एम्बुलेंस में तोड़ा दम, किसी भी हॉस्पिटल ने नहीं किया भर्ती

Ghaziabad dog attack: गाजियाबाद (Ghaziabad news) में कुत्ते के काटने से 14 साल के बच्चे की मौत हो गई. AIIMS से लेकर तमाम बड़े हॉस्पिटलों ने उसको लाइलाज घोषित कर दिया. बुलंदशहर में एक वैद्य के यहां दिखाकर लौटते समय बच्चे ने एम्बुलेंस में अपने पिता की गोद में दम तोड़ दिया. पीड़ित परिवार की मांग है कि जिस महिला के पाले हुए कुत्ते ने उनके बच्चे को काटा उस महिला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.

क्या है पूरा मामला ?

पूरा मामला गाजियाबाद के विजयनगर इलाके का है. यहां चरण सिंह कॉलोनी में याकूब का परिवार रहता है. याकूब मेहनत मजदूरी करते हैं. याकूब का बेटा शाहवेज (14) क्लास आठ में पढ़ता था. चार दिन पहले 1 सितंबर को बेटा अजीबो-गरीब हरकतें करने लगा. उसको देखकर घरवालों को डर लगने लगा. उसने खाना-पीना बंद कर दिया. कभी-कभी भौंकने जैसे आवाजें भी मुंह से निकलने लगा. फैमिली ने कुछ डॉक्टरों को दिखाया तो पता चला कि उसे कुछ समय पहले किसी कुत्ते ने काटा, जिसका इंफेक्शन अब ज्यादा फैल गया है.

बच्चे को रैबीज हुआ

पिता याकूब ने बताया कि 1 सितंबर को अचानक उनके बेटे की हरकतें कुछ अजीब हो गईं. वो बात-बात पर जीभ निकालने लगता था. फिर अजीब हरकतें करने लगता था. शरीर को अजीब तरीके से मोड़कर बैठने लगा. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे पहले गाजियाबाद के एक अस्पताल लेकर गए. डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को रैबीज हो गया है. इन्फेक्शन ज्यादा होने की बात कहकर डॉक्टर ने दिल्ली ले जाने की बात कही. वह बच्चे को दिल्ली ले गए. लेकिन कहीं भी बेटे को इलाज नहीं मिला.

वीडियो यहां देखें :-

डेढ़ महीने पहले कुत्ते ने काटा था

बच्चे के दादा ने बताया कि हमने पोते से जब पूछा तो उसने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले पड़ोस में रहने वाली आंटी के कुत्ते ने उसको काट लिया था. डर के मारे उसने ये बात घर पर नहीं बताई. जिस वजह से बच्चे को तुरंत उचित इलाज नहीं दिया जा सका. जब बच्चे में लक्षण दिखने शुरू हो गए, तब हमें पता चला.

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किसी हॉस्पिटल ने नहीं किया भर्ती

बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार तीन दिन से एम्बुलेंस लेकर जीटीबी दिल्ली, एम्स दिल्ली सहित मेरठ-गाजियाबाद के हॉस्पिटलों में घूमता रहा. किसी भी हॉस्पिटल ने उनके बच्चे को भर्ती नहीं किया और उसे लाइलाज घोषित कर दिया. किसी ने उन्हें बताया कि देसी दवाइयों से बुलंदशहर में एक वैद्य इलाज करता है. सोमवार रात 8 बजे वह उस वैद्य के यहां दिखाकर एम्बुलेंस से गाजियाबाद लौट रहे थे, रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया.

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