101 डिफॉल्टर बिल्डरों से 503 करोड़ वसूले जाएंगे, नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद और फरीदाबाद के बिल्डरों में हड़कंप
नोएडा : ग्राहकों के साथ ही शासन को चूना लगाने वाले बिल्डरों पर रेरा लगातार कड़ी कार्रवाई कर रहा है. गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने कलेक्ट्रेट में डिफॉल्टर बिल्डरों की लिस्ट जारी की है. गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने रेरा के बकाये की वसूली के लिए बकाएदार बिल्डरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया हैं. जिला प्रशासन में उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के आदेशों का पालन नहीं करने पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 101 बिल्डर कंपनियों के खिलाफ 1705 आरसी रेरा ने जिला प्रशासन के पास भेज रखी हैं. इनसे 503 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है. जिला प्रशासन वर्ष 2021 में 32 बिल्डरों की 315 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त कर चुका है. जिला प्रशासन के इस कड़े रुख के कारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों में हड़कंप मच गया है.
जिला प्रशासन की 40 टीम मार रहीं छापा
जिला प्रशासन की गठित 40 टीमों ने बिल्डर कंपनियों के दफ्तरों से लेकर घरों तक जाकर मुनादी करना शुरू कर दिया उनके घर और दफ्तर के बाहर आरसी के नोटिस चस्पा किए जा रहे है. ऐसे बिल्डर जो मुनादी के बाद भी रिस्पांस नहीं करेंगे, जिला प्रशासन उनकी संपत्ति सील करेगा. जरूरत के अनुसार जेल भी भेजेगा. बताया कि इनमें तमाम बिल्डर कंपनियों के मालिकों के दफ्तर दिल्ली, फरीदाबाद, गुड़गांव, गाजियाबाद या अन्य जिलों में है. वहां जाकर भी हमारी टीमें कार्रवाई करेंगी. वहां के लोकल जिला प्रशासन और पुलिस की सहयोग इसके लिए लिया जाएगा.
मोटी कमाई फिर भी लगा रहे चूना
डीएम ने बताया कि 101 बिल्डर कंपनियों में तहसील दादरी के अंतर्गत 73 बिल्डर कंपनियां आती हैं. इसमें कई बड़े बिल्डर ग्रुपों की कंपनियां हैं. वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड से 80.55 करोड़ की आरसी वसूली जानी है. लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. से 34.57 करोड़, सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट लि.से 33.56 करोड़, महागुन इंडिया प्रा. लि. से 19.97 करोड़, पार्श्वनाथ डेवलपर्स लि. से 13.39 करोड़, इसके अलावा भी कई बड़े ग्रुपों की कंपनियां इनमें शामिल हैं, जिनसे वसूली होगी.
पाई-पाई की वसूली करेगा प्राधिकरण
जिला प्रशासन ने इस तरह आरसी वसूलने के लिए पहले भी बिल्डरों पर कार्रवाई की है. वर्ष 2021 में 32 बिल्डरों की 315 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त कर चुका है. अब जिला प्रशासन ने बड़े स्तर पर वसूली के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया है. रविवार से ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है. प्रशासन का लक्ष्य है कि अगले एक दो महीने में इन 503 करोड़ में से ज्यादा से ज्यादा रकम बिल्डरों से वसूला जा सके.
पूरे एनसीआर में फैला जाल
दादरी तहसील के पास 73 बकाएदार बिल्डर हैं, जिनके पास यूपी रेरा की 1,325 आरसी का 487 करोड़ रुपए बकाया हैं. सबसे बड़ा बकाएदार बिल्डर वेवमेगा सिटी सेंटर है. जिस पर 80 करोड़ रुपए बकाया हैं. सदर तहसील में 28 बिल्डरों की 380 आरसी हैं, जो 129 करोड़ रुपए की है. जिले के और बड़े बकायेदार बिल्डरों में लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर, सुपरटेक, रूद्र बिल्डवेल, कॉसमॉस इन्फ्राएस्टेट, महागुन इंडिया, अजनारा, जयप्रकाश एसोसिएट्स, पार्श्वनाथ डेवलपर्स, फ्यूचर वर्ल्ड ग्रीन होम्स, सिक्का बिल्डर और वर्धमान इंफ्रा डेवलपर्स जैसे नामचीन कंपनियां शामिल हैं.