Dragon Fruit Benefits: ड्रैगन फ्रूट के फायदे, जानकर हो जाएंगे हैरान
Dragon Fruit Benefits: देश के किसान आमदनी को बढ़ाने के लिए पारंपरिक फसलों को उगाने के अलावा भी कई प्रकार के फल और सब्जियां उगा रहे हैं. बड़ी संख्या में किसान अपने खेतों में फलों की खेती करते हैं, जिसमें उन्हें अच्छा-खास प्रॉफिट होता है. इसी तरह ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit ki Kheti) काफी तेजी से भारत में लोकप्रिय हो रही है.
आमतौर पर यह फल थाईलैंड, वियतनाम, इजरायल, श्रीलंका आदि जैसे देशों में काफी फेमस है, लेकिन अब भारत में भी इसे लोग पसंद करते हैं. यहां ड्रैगन फ्रूट की कीमत 200 से 250 रुपये प्रति किलो तक है. अगर आप ड्रैगन फ्रूट की खेती करते हैं तो आप मालामाल हो सकते हैं. इससे बंपर कमाई कर सकते है. यह फल उन जगहों पर भी काफी अच्छी तरह से उगता है, जहां पर कम बारिश होती है. ड्रैगन फ्रूट का इस्तेमाल जैम, आइसक्रीम, जैली प्रोडक्शन, फ्रूट जूस, वाइन आदि में किया जाता है. साथ ही इसे फेस पैक्स में भी यूज करते हैं.
क्या है ड्रैगन फ्रूट?
ड्रैगन फ्रूट को पिठाया या स्ट्रॉबेरी नाशपाती के रूप में भी जाना जाता है. यह खाने में रसीला और मीठा लकता है. इसके अनूठे रूप और प्रशंसित सुपरफूड शक्तियों ने इसे खाद्य पदार्थों और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच लोकप्रिय बना दिया है. वैसे तो यह दक्षिण अमेरिका का फल है. लेकिन इसके गुणों और फायदों को देखते हुए अब इसे दुनियाभर में उगाया जाने लगा है. इसका सेवन सलाद, मुरब्बा, जेली और शेक के रूप में किया जा सकता है.
हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है ड्रैगन फ्रूट
फलों को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इसी तरह, ड्रैगन फ्रूट के सेवन से आपकी हेल्थ को काफी फायदा मिलता है. डायबिटीज को कंट्रोल करने में यह मददगार होता है. कॉलेस्ट्रोल में भी इससे फायदा मिलता है. ड्रैगन फ्रूट में फैट और प्रोटीन की मात्रा भी बहुत होती है और यह अर्थराइटिस बीमारी को भी दूर करता है. आपके दिल से जुड़ीं बीमारियों को भी ड्रैगन फ्रूट दूर कर सकता है.
कितने तापमान और बारिश में होती है ड्रैगन फ्रूट की खेती?
ड्रैगन फ्रूट के लिए ज्यादा बारिश की जरूरत नहीं होती है. वहीं, अगर मिट्टी की गुणवत्ता भी ज्यादा अच्छी नहीं है, तो भी यह फ्रूट अच्छी तरह से उग सकता है. एक साल में 50 सेंटिमीटर की बारिश और 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में ड्रैगन फ्रूट की खेती आसानी से की जा सकती है. इसकी खेती के लिए ज्यादा धूप की भी जरूरत नहीं होती है. ऐसे में यह जरूरी है ऐसे में यह जरूरी है कि आप शेड का इस्तेमाल जरूर करें, जिससे फल की खेती अच्छी तरह से हो सके.
ड्रैगन फ्रूट के लिए आवश्यक मिट्टी कैसी हो?
अगर आप अपने खेत में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की सोच रहे हैं तो आपकी मिट्टी 5.5 से 7 पीएच की होनी चाहिए. यह बालुई मिट्टी में भी हो सकता है. अच्छे कार्बनिक पदार्थ और रेतीली मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे अच्छी होती है. यूं तो ड्रैगन फ्रूट की खेती आप किसी भी इलाके में कर सकते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा खेती महाराष्ट्र, गुजरात के कुछ इलाकों और राजस्थान में होती है. वहीं, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी बड़ी संख्या में किसान ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करते हैं.
भारत में कब से शुरू हुई ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन?
भारत में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन 1990 के समय से शुरू हुआ. जिसके बाद इसे घरेलू उद्यानों के रूप में उगाया जाने लगा. ड्रैगन फ्रूट का एक्सपोर्ट ज्यादा होने से देश में इसकी काफी लोकप्रियता बढ़ी है. विभिन्न राज्यों के किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं.
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ड्रैगन फ्रूट की किस्में-
ड्रैगन फ्रूट की तीन मुख्य किस्में हैं. जिसमें गुलाबी सफेद, गुलाबी लाल और पीला सफेद रंग वाले ड्रैगन फ्रूट शामिल हैं.
भारत के इन राज्यों में होती है ड्रैगन फ्रूट की खेती
जानकारी के अनुसार, ड्रैगन फ्रूट (कमलम फल) ज्यादातर कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उगाया जाता है.
इन देशों में होती है ड्रैगल फ्रूट की पैदावार
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए पानी की कम जरूरत होती है. ड्रैगन फूट की पैदावार प्रमुख रूप से मलेशिया, फिलीपींस, अमेरिका और वियतनाम जैसे देशों में की जाती है.