Captain Shiva Chauhan: भारत की बेटी ने रचा इतिहास, सियाचिन ग्लेशियर के “कुमार पोस्ट” पर तैनात होने वाली पहली महिला बनी कैप्टन शिवा चौहान
Captain Shiva Chauhan: भारत की बेटी ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है. फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स (fire and fury corps)की कैप्टन शिवा चौहान (Captain Shiva Chauhan) देश की पहली ऐसी महिला अधिकारी है जो सियाचिन ग्लेशियर के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र (Battle Field) में तैनात है. शिवा 15,632 फीट की ऊंचाई पर स्थित सबसे खतरनाक कुमार पोस्ट पर ड्यूटी कर रही हैं. युद्धक्षेत्र में तैनात होकर भारत की इस बेटी ने इतिहास रच दिया है. भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कैप्टन शिवा चौहान की इस सफलता के बारे में जानकारी दी है. सभी भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है.
ट्वीट में बताया है कि फायर एंड फ्यूरी सैपर्स (Fire and Fury Sappers) की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स, इंडियन आर्मी में कठिन प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कुमार पोस्ट में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं है. बता दें कि, सियाचिन ग्लेशियर पर कुमार पोस्ट (kumar post)है.
बता दें कि, दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध मैदान पर तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं शिवा चौहान को ‘कुमार पोस्ट’ पर तैनात करने से पहले कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा था. सियाचिन ग्लेशियर सबसे ऊंचा युद्ध का मैदान है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच 1984 से रुक-रुक कर लड़ाई होती रही है.
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फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की तरफ से दो तस्वीरें भी शेयर की गई हैं, जिसमें कैप्टन शिवा को देख सकते हैं. ये तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. तस्वीर में देखा जा सकता है कि एक बोर्ड पर ‘वेलकम टू कुमार पोस्ट’ लिखा हुआ है. इसमें समुद्र तल से पोस्ट की ऊंचाई करीब 15632 फीट है.
कौन है शिवा चौहान ?
भारत की सुरक्षा में तैनात शिवा राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने वहां से सिविल इंजीनियरिंग से ग्रैजुएशन किया है. 11 साल की उम्र में उनके पिता की मौत हो गई, उनकी मां ने पढ़ना लिखना सिखाया है. शिवा ने चेन्नई में आफिसर ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) की ट्रेनिंग ली है. मई 2021 में उन्हें भारतीय सेना की इंजीनियर रेजीमेंट में नियुक्त किया गया. बता दें कि, जुलाई 2022 में कैप्टन शिवा ने कारगिल विजय दिवस पर 508 किलोमीटर (युद्ध स्मारक से कारगिल युद्ध स्मारक तक) सुरा सोई साइकिल अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया था.
भारत के लिए क्यों जरूरी है सियाचिन
- सियाचिन ग्लेशियर लद्दाख में स्थित करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बेहद दुर्गम इलाका है. ये कराकोरम पर्वत रेंज में स्थित है.
- सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा जंग का मैदान है, जहां पिछले 38 सालों से भारत-पाकिस्तान की सेनाएं आमने-सामने हैं.
- 1984 से ही करीब 76 किलोमीटर लंबे पूरे सियाचिन ग्लेशियर और इसके सभी प्रमुख दर्रे भारत के नियंत्रण में हैं.
- सियाचिन की भौगोलिक स्थिति उसे भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण बनाती है. इसके एक तरफ पाकिस्तानी नियंत्रण वाला इलाका है तो वहीं दूसरी तरफ चीन.
- यहां से भारत पाकिस्तान के साथ ही चीन की भी गतिविधियों पर नजर रख सकता है. साथ ही भारत, पाक और चीन के सैन्य गठबंधन को रोकता है, जो लद्दाख की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है.
- सियाचिन उस पॉइंट NJ9842 के ठीक उत्तर में हैं, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा यानी LoC खत्म होती है.
- सियाचिन सालभर बर्फ से ढंका रहता है. यहां औसत तापमान जीरो से भी कम -10 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है. सर्दियों में यहां का तापमान -50 से -70 डिग्री सेंटीग्रेड हो जाता है.