DPS Student Suicide Case: DPS के प्रिंसिपल, हेड मिस्ट्रेस और स्टूडेंट्स के खिलाफ चार्जशीट फाइल, SIT ने की कार्रवाई, सुसाइड का है मामला
DPS Student Suicide Case: दिल्ली पब्लिक स्कूल (Delhi Public School) के 10वीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट के सुसाइट के मामले में 9 महीने बाद स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने चार्जशीट फाइल कर दी है. चार्जशीट 90 दिन के अंदर पेश होनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 1957 पेज की चार्जशीट में प्रिंसिपल, हेड मिस्ट्रेस और तीन स्टूडेंट को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों पर सुसाइट के लिए उकसाने और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
मामले में पुलिस ने 36 गवाह बनाए हैं. मृतक लड़के की मां ने पुलिस पर कार्रवाई (DPS Student Suicide Case) न करने का आरोप लगाते हुए सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) से जांच की मांग कर हाई कोर्ट में पिटीशन डाली थी. इस मामले में जनवरी में सुनवाई होनी है.
मृतक लड़के की मां का बयान
https://gulynews.com को मिली जानकारी के मुताबिक 1957 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने DPS ग्रेटर फरीदाबाद (DPS Greater Faridabad) की प्रिंसिपल सुरजीत खन्ना (Principal Surjeet Khanna), हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता समेत तीन स्टूडेंट्स को आरोपी बनाया है. इन पर सुसाइट के लिए उकसाने समेत पॉक्सो एक्ट की धाराएं लगाई हैं. पुलिस ने 36 गवाह बनाए हैं, जिसमें सोसायटी के लोग, स्कूल के टीचर्स समेत परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल हैं. पुलिस ने सबूत के तौर पर सुइसाइड नोट, फरेंसिक रिपोर्ट, स्कूल व सोसायटी के CCTV फुटेज, शिकायत के ईमेल को लगाया है. पुलिस ने मंगलवार को सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है. इस केस में अब सुनवाई फरवरी में होगी.
क्या है मामला ?
बता दें कि, सेक्टर-80 स्थित डिस्कवरी सोसायटी (Discovery Society)के रहने वाले 16 साल के स्टूडेंट ने 25 फरवरी को 15वीं मंजिल से कूदकर जान (DPS Student Suicide Case) दे दी थी. मृतक स्टूडेंट की मां इसी स्कूल में ही आठ साल से आर्ट्स की टीचर थीं. मृतक की मां ने पुलिस को बताया था कि उनके बेटे को बीते साल स्कूल के कुछ बच्चों ने टॉइलेट में परेशान किया था. अक्सर स्टूडेंट बुलिंग करते थे. आरोप है कि एक टीचर ममता भी उसे परेशान करती थीं. स्टूडेंट ने कई बार शिकायत भी की थी. मामले में मृतक लड़के की मां ने स्कूल प्रबंधन को ईमेल कर शिकायत भी दी थी, लेकिन आरोप है कि प्रबंधन ने उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी.
मां ने हाई कोर्ट में लगाई थी याचिका
मृतक स्टूडेंट की मां ने बताया कि उनके बेटे ने फरवरी में जान दी थी, पुलिस को किसी भी केस में 90 दिन में चार्जशीट फाइल करनी होती है. पुलिस ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने 29 अक्टूबर को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे. इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में CBI जांच की मांग की थी. उन्होंने इस केस में CBSE को भी पार्टी बनाया था. हाई कोर्ट ने सभी को नोटिस भेजते हुए 19 जनवरी को सुनवाई के लिए बुलाया है. मृतक स्टूडेंट की मां ने बताया कि पुलिस को हाई कोर्ट में जवाब देना था. इस कारण छह दिसंबर को चार्जशीट फाइल की है.
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मृतक ने सुइसाइड से पहले लेटर में बताया था दर्द
मृतक स्टूडेंट की मां का आरोप है कि उसकी लगातार स्कूल में बुलिंग होती थी. टीचर व स्कूल के कई स्टूडेंट्स उसे लगातार परेशान कर रहे थे. स्कूल प्रशासन कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं था. वह भी बेटे के स्कूल में काम करती थीं, ऐसे में उन्हें नौकरी से हटाने का दबाव बनाते थे. सिंगल मदर होने की वजह से वह मजबूर थीं. उन्होंने बताया कि उनके बेटे को डिस्लेक्सिया डिसऑर्डर था. उसका इलाज दिल्ली से चल रहा था. कोरोना की वजह से कुछ समय स्कूल बंद रहे तो उनके बेटे की तबीयत में सुधार होने लगा था. दोबारा स्कूल खुले तो वह फिर डिप्रेशन का शिकार हो गया. आरोप है कि 23 फरवरी को साइंस की परीक्षा थी, बीमारी के कारण वह अंकों से संबंधित सवाल नहीं सुलझा पा रहा था. उसने हेड मिस्ट्रेस से मदद मांगी. आरोप है कि टीचर ने छात्र को डांट दिया और कहा कि वह बीमारी का फायदा उठा रहा है. इससे वह ज्यादा तनाव में आ गया था. छात्र ने नोटपैड के पन्ने पर सुइसाइड से पहले एक लेटर लिखा था.
मां के लिए लिखा था लेटर
उसने अपनी मां को दुनिया की बेस्ट मां बताया और कहा कि वह अपनी आर्ट को अच्छे से करे. नोट में उसने स्कूल की हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता की प्रताड़ना का भी जिक्र किया है. इसके साथ ही उसने अपनी सेक्सुएलिटी के बारे में अपने नाना-नानी और बड़े पापा को बताने की बात भी लिखी है. साथ ही उसने नोट में कुछ स्टूडेंट्स के भी नाम लिखे थे, जो उसे परेशान करते थे.
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