CEO Ritu Maheshwari action on builders: बिल्डरों पर CEO का एक्शन, इन पर गिरी गाज
CEO Ritu Maheshwari action on builders: सीईओ ऋतु महेश्वरी (CEO Ritu Maheshwari) ने ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की हैं. गुरुवार को रितु महेश्वरी ने तीन बड़े बिल्डरों जेपी, ओमैक्स और पार्श्वनाथ (Jaypee, Omaxe and Parshwanath) के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. जेपी रिजॉर्ट में अवैध निर्माण का डेमोलिशन किया गया है. ओमेक्स बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई का आदेश हो चुका है. ओमेक्स बिल्डर (Omaxe Builder) की परी चौक के पास स्थित एनआरआई सिटी में अवैध रूप से बनाए गए फ्लैट सील किए जाएंगे. वहीं, पार्श्वनाथ बिल्डर के दो भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया गया है.
जेपी ग्रुप पर कार्रवाई
जेपी गोल्फ कोर्स और रिसॉर्ट में अवैध हैलीपेड बनाया गया है. जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. अदालत का आदेश आने के बावजूद बिल्डर मनमानी करता रहा. प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ और नीचे के अफसर आंखें बंद करके बैठे रहे. अब रितु महेश्वरी को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की जिम्मेदारी मिली तो जेपी ग्रुप की इस कंपनी पर कार्रवाई शुरू हुई है. गुरुवार को अथॉरिटी का दस्ता जेपी रिसॉर्ट पहुंचा. यहां बनाए गए अवैध हेलीपैड को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया गया है. अवैध हैलीपेड को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है. यहां से हैलीकाप्टर के जरिए चार धाम की यात्रा करवाई जा रही थी. जबकि उड़ान भरने की स्थानीय प्रशासन से मंजूरी नहीं ली गई थी.
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पार्श्वनाथ बिल्डर पर कार्रवाई
गुरुवार को अथॉरिटी ने पार्श्वनाथ बिल्डर के सेक्टर पाई में स्थित दो प्लॉट के आवंटन रद्द कर दिए हैं. दोनों प्लॉट पर अथॉरिटी के 281 करोड़ रुपये बकाया थे. बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा था. अब गुरुवार को रितु महेश्वरी ने दोनों भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है. डेवलपर ने कुल प्रीमियम 33.54 करोड़ रुपये में से 2007 तक केवल 7.14 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. शेष धनराशि का भुगतान 13 किस्तों में 2013 तक करना था. इस परियोजना को 2013 में ही पूरा करना था, लेकिन डेवलपर ने न तो परियोजना को पूरा किया और और न ही प्राधिकरण की बकाया धनराशि जमा किया. बकाया भुगतान और परियोजना को पूरा करने का हवाला देते हुए डेवलपर को 2016 में मोर्टगेज परमिशन (बंधक अनुमति) भी दी गई, लेकिन डेवलपर ने न तो परियोजना पूरी की और न ही प्राधिकरण का बकाया भुगतान किया. प्राधिकरण ने 2011, 2012, 2013, 2019, 2020 में कई बार डिफॉल्टर नोटिस और आवंटन रद्दकरने की नोटिस जारी किए. परियोजना को पूरा करने के लिए अधिकतम 15 वर्ष की समय अवधि भी पीछे छूट चुकी है.
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इस अवधि में प्रीमियम धनराशि (premium amount) के अलावा अतिरिक्त प्रतिकर और कार्यपूर्ति विलंब शुल्क (completion late fee) आदि मद में डेवलपर पर बकाया रकम भी बढ़कर करीब 211 करोड़ रुपये हो गई. इसे देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पार्श्वनाथ डेवलपर के भूखंड संख्या 11, सेक्टर पाई का आवंटन रद्द कर दिया है. करीब 1.56 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जब्त कर ली है.