गाजियाबाद में जानलेवा गर्मी से179 बुजुर्गों की मौत, इतने अस्पताल में भर्ती
elderly people died due to deadly heat in Ghaziabad: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है. सूरज की तपिश ने बुजुर्गों, बच्चों से लेकर युवाओं तक का घर से निकला दूभर कर दिया है. इस हीटवेव के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. गाजियाबाद जिले में गर्मी ने जमकर कहर बरपाया है. जिले में पिछले 13 दिनों में गर्मी से 179 बुजुर्गों की मौत हो चुकी है.
गाजियाबाद जिले में आज भी तापमान 43 डिग्री से ऊपर गया है. दिल्ली और नोएडा के लोग भी गर्मी से परेशान हैं. यहां भी तापमान 43 डिग्री जा रहा है. पिछले 13 दिन में गाजियाबाद में 179 बुजुर्गों की मौत हुई है. इनमें अधिकांश बुजुर्गों को घर पर ही हार्ट अटैक आया है. डॉक्टरों का कहना हैं कि गर्मी और वायु प्रदूषण बढ़ने से बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और सांस लेने में परेशानी के चलते ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.
जानकारी के अनुसार जून में अब तक कुल 228 अंतिम संस्कार हुए हैं. पांच दिन से सबसे अधिक 71 बुजुर्गों के अंतिम संस्कार किए गए हैं. इनमें 60 से लेकर 99 वर्ष के बुजुर्ग शामिल हैं. पिछले पांच दिन से ही तापमान 43 से 44 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच पहुंच रहा हैं। दिन-रात लू चल रही हैं.
तारीख बुजुर्गों के हुए अंतिम संस्कार
1 9
2 7
3 12
4 8
5 14
6 8
7 13
8 19
9 16
10 13
11 20
12 14
13 18
अस्पताल ओपीडी में मरीजों की संख्या रोज भर्ती
जिला एमएमजी अस्पताल 2,023 40-45
संयुक्त अस्पताल 1,200 20-25
जिला महिला अस्पताल 800 30-40
निजी अस्पताल 5,000 100- 150
एमएमजी जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संतराम वर्मा ने बताया कि गर्मी और वायु प्रदूषण बढ़ने से बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और सांस लेने में परेशानी के चलते आक्सीजन की कमी हो जाती है. तापमान बढ़ने और धूप में निकलने पर जान को खतरा पैदा हो जाता है. इमरजेंसी ओपीडी में रोज 30-40 बुजुर्गों को गंभीर हालत में भर्ती किया जा रहा है.
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गर्मियों में बुजुर्गों की अधिक देखभाल की जरूरत है. बुजुर्गों के स्वास्थ्य की निगरानी को घर-घर दस्तक अभियान चलाया जाएगा. उनका कहना है कि युवा और बच्चे भी गर्मी सहन नहीं कर पा रहे हैं. खूब पानी पीने, धूप से बचने, ताजा फल व सब्जी खाने और तबीयत खराब होते ही चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है.