April 19, 2024, 2:31 pm

यूपी में बार-बार पेपर लीक क्यों ? बोर्ड उठाने जा रहा है यह कदम। अब नहीं होगा क्योश्चन पेपर आउट ?

Written By: गली न्यूज

Published On: Tuesday May 17, 2022

यूपी में बार-बार पेपर लीक क्यों ? बोर्ड उठाने जा रहा है यह कदम। अब नहीं होगा क्योश्चन पेपर आउट ?

UP Board is taking steps to prevent question paper leak: यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 भले ही खत्म हो गई हों, अब परिणाम जारी होने की बारी है. लेकिन बलिया में अंग्रेजी का पेपर लीक होने के बाद बोर्ड के सामने एक बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया. इसमें बड़े स्तर पर कार्रवाई भी हुई. मगर परीक्षा से पहले क्योश्चन पेपर लीक होने से स्टूडेंट्स भी परेशान होते हैं, अफसरों व बोर्ड का काम भी बढ़ता है. साथ ही पैसों का नुकसान होता है और बोर्ड व सरकार की छवि भी खराब होती है. इसलिए अब यूपी बोर्ड ने प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का फैसला किया है.

सुरक्षा पर सवाल

किसी भी परीक्षा में प्रश्नपत्र जब लीक होते हैं तब उसकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हैं. यूपी बोर्ड परीक्षा को भी नकलविहीन कराने के लिए खूब इंतजाम किए गए थे लेकिन, इंटरमीडिएट की अंग्रेजी विषय का पेपर लीक होने से बोर्ड व सरकार की खूब किरकिरी हुई. पेपर लीक होने के बाद अलीगढ़ समेत 24 जिलों में इंटर की परीक्षा रद्द कर दी गई. एक बार फिर से प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर छात्र और शिक्षकों समेत अभिभावकों ने सवाल उठाए.

यह भी पढ़ें :-

बिहार के IPS विकास वैभव बच्चों को मुफ्त में करवाएंगे IIT-NEET की तैयारी, ऐसे करें अप्लाई

सीबीएसई (CBSE) की तर्ज पर यूपी बोर्ड (Up Board) कुछ नए स्टेप्स उठाकर क्योश्चन पेपर की सुरक्षा के लिए काम करने वाला है. एक्सपर्ट से पता चला है कि सीबीएसई बोर्ड द्वारा प्रश्नपत्रों को लीक होने से रोकने के लिए इस वर्ष से नई व्यवस्था शुरू की गई है. सीबीएसई बोर्ड द्वारा सभी परीक्षा केंद्रों को एक घंटे पहले ई-मेल के माध्यम से प्रश्न-पत्र मेल किया जा रहा है. जिसे प्रिंट कर परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सभी परीक्षा केंद्रों की है.

परीक्षा केंद्रों (Exam Centre) पर अपने केंद्र पर प्रिंटिंग मशीन स्थापित करने होंगे. एक घंटे के अंदर प्रश्नपत्र प्रिंट करने और परीक्षा करानी होगी. यह तरीका बेहद कारगर है. एक घंटे पहले मिले पेपर के लीक होने की संभावना बेहद कम है. जब प्रश्नपत्र प्रिंट होंगे तब सभी छात्र स्कूल पहुंच चुके होते हैं. ऐसे में मोबाइल पर भी प्रिंट या प्रश्नपत्र नहीं आ सकता. साथ ही स्कूल की ओर से पूरी सतर्कता बरती जाती है क्योंकि जिम्मेदारी उक्त विद्यालय की ही तय होती है. इसलिए यूपी बोर्ड भी कुछ इसी तरह की व्यवस्था बनाने की ओर योजना बना रहा है.

डीआइओएस डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि शासनस्तर व यूपी बोर्ड के पदाधिकारियों के स्तर से प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को लेकर कई योजनाओं पर विचार किया जा रहा है. सीबीएसई की तर्ज पर सेंटर पर पेपर प्रिंट कराने के बारे में भी चर्चा हुई है. मगर बोर्ड व शासन से जो भी फाइनल कर आदेश जारी किए जाएंगे उनका पालन कराया जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published.