फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार
Two accused arrested for making fake marksheets: गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने नोएडा सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन के पास से फर्जी मार्कशीट (fake marksheets)व प्रमाण पत्र तैयार कर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों की पहचान गाजियाबाद निवासी अब्दुल समद और आदिल निवासी दादरी के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी करीब 20 साल से फर्जी मार्कशीट बना रहे थे. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने 120 फर्जी मार्कशीट, प्रिंटर, सीपीयू, एलईडी मॉनिटर और मार्कशीट बनाने के काम आने वाला कागज बरामद किया है.
जानकारी के अनुसार, पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि दादरी व गाजियाबाद क्षेत्र में एक गिरोह फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्र बनाकर उसे तीन से चार हजार रुपये में खुलेआम बेच रहा है. जिसके बाद एसीपी द्वितीय रजनीश वर्मा के अगुवाई में थाना प्रभारी फेज एक बिरेश पाल गिरी, उप निरीक्षक संजय सिंह पौनिया की टीम ने मामले की जांच कर शनिवार को सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन के पास से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों आरोपियों ने फर्जी मार्कशीट व प्रमाण पत्र बनाकर बेचने की बात को स्वीकार कर ली. अब्दुल समद वर्ष 2021 में इसी मामले में जेल जा चुका है. पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने कहा कि वह करीब 20 साल से फर्जी अंकपत्र बेच रहे थे. आरोपी हर महीने 15 से 20 लोगों के प्रमाण पत्र बनाते थे. वह अब तक करीब 10 हजार से अधिक मार्कशीट व प्रमाण पत्र बनाकर लोगों को दे चुके हैं लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी थी.
जानकारी के अनुसार अब्दुल समद और आकिल दोनों दोस्त थे. करीब दो माह पहले आकिल की मौत हो गई. जांच में पता चला है कि अब्दुल समद ग्राहक तलाश कर लाता था और आकिल कोरल से एडिट कर अंक पत्र और प्रमाण पत्र बनाता था. इसके लिए वह गूगल इमेज से मदद लेता था. आकिल जिस नाम के मार्कशीट बनाने थे, पहले उस नाम की मार्कशीट तलाशता था. मार्कशीट नहीं मिलने पर बोर्ड तलाश कर उसमें नाम और जन्मतिथि आदि कोरल में एडिट कर फर्जी मार्कशीट बनाता था. आकिल की मौत के बाद बेटा आदिल वही काम करने लगा था. अब्दुल समद, आदिल के लिए भी ग्राहक ढूंढकर लाता था.