Noida Authority Failurity: नोएडा अथॉरिटी के विकास के दावों में कितना दम.. इस सेक्टर में डेवलपमेंट को लेकर लोगों ने उठाए सवाल
Noida Authority Failurity: सोशल मीडिया पर अक्सर आप नोएडा या फिर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को अपने का काम का प्रचार और गुनगान करते देखते होंगे. लेकिन कई बार जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है. नोएडा के कई ऐसे सेक्टर्स हैं जो अभी भी नोएडा अथॉरिटी की अधिकारियों की उदासिनता के शिकार हैं और वहां विकास भी दम तोड़ते नजर आती है. इन्हीं सेक्टर्स में से एक है नोएडा का सेक्टर 15. जहां पर नोएडा अथॉरिटी के विकास के दावे की पोल खुलती नजर आती है.
क्या है मामला
नोएडा का सेक्टर 15 दिल्ली के नजदीक होने के कारण काफी अहमियत रखता है. लेकिन शायद नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority Failurity) के नजर में इसकी अहमियत उतनी नहीं है जितनी होनी चाहिए. तभी तो सेक्टर में रहने वाले लोगों को छोटी-छोटी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ता है. आलम ये है कि सेक्टर में रहने वाले कुछ लोगों ने तो इस उदासिनता के चक्कर में सेक्टर छोड़ नई सेक्टरों में जाने का मन बना रहे हैं. नोएडा सेक्टर 15 के RWA महासचिव ऋषि शर्मा का आरोप है कि नोएडा अथॉरिटी सेक्टर 15 के विकास पर ध्यान नहीं देती.
सबसे ज्यादा शिकायत किससे
गली न्यूज से खास बात करते हुए ऋषि शर्मा की सबसे ज्यादा शिकायत अथॉरिटी के हॉल्टीकल्चर डिपार्टमेंट से है. उन्होंने बताया कि सेक्टर के पार्कों का बुरा हाल है. पार्कों के ज्यादातर इलाके कूड़ों से पटे पड़े हैं. पार्क में कई जगहों पर धूल-मिट्टी जमे हैं. समय पर न पेड़ों की छंटाई की जाती है न ही कटाई होती है जिससे कई बार पार्क भी जंगल की तरह नजर आते हैं. ऐसे में जो लोग पार्क में वॉक के लिए जाते हैं उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऋषि बताते हैं कि सेक्टर में बिजली की समस्या भी बनी रहती है. एक तरफ बिजली की कटौती है वहीं दूसरी ओर बिजली के खंभों और वायर का रखरखाव ठीक ढंग से नहीं होता. इस कारण बारिश के दिनों में खासतौर से खतरा बना रहता है.
फोनरवा की मदद से मीटिंग
फोनरवा की मदद से सेक्टर 15 की RWA टीम ने अलग-अलग मुद्दों पर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों से मुलाकात तो की थी लेकिन उनका आरोप है कि आश्वासन के अलावा अबतक अधिकारियों की ओर से कुछ नहीं मिला. अधिकारियों की उदासिन रवैया के कारण सेक्टर में रहने वाले लोगों में रोष हैं. ऐसे में यह रोष चुनावी मौसम में स्थानीय नेताओं के लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है.