October 7, 2024, 9:40 am

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर सबसे बड़ा खुलासा, रोजाना करीब 10 हजार रूपए चाय-नाश्ता पर होता है खर्च

Written By: गली न्यूज

Published On: Friday June 9, 2023

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर सबसे बड़ा खुलासा, रोजाना करीब 10 हजार रूपए चाय-नाश्ता पर होता है खर्च

नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी देश की सबसे अमीर अथॉरिटी में शुमार है। सालाना यहां अरबों रुपए की राजस्व की वसूली होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि अथॉरिटी में काम करने वाले कर्मचारी लाखों रुपए की चाय पी जाते हैं। लाखों रुपए नाश्ते पर खर्च कर देते हैं? पहली नजर में पढ़कर आपको आश्चर्य होगा लेकिन यही कड़वी हकीकत है।

क्या है मामला

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। https://gulynews.com को मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक साल 2020-2022 यानी 2 साल में अथॉरिटी कर्मचारी करीब 7100000 (71 लाख) रुपए का चाय नाश्ता कर लिए। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आमतौर पर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी गांव के विकास के लिए फंड की कमी का रोना रोती है लेकिन अब साफ हो गया है कि अथॉरिटी केवल चाय नाश्ता पर ही 7100000 रुपए खर्च कर देती है। इस हिसाब से देखें तो हर साल करीब 3600000 रुपए का खर्च है। अगर महीने का हिसाब लगाएं तो यह करीब ₹300000 का मामला बनता है। अगर रोजाना के हिसाब लगाएं तो 1 दिन में करीब-करीब ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर केवल चाय नाश्ते का खर्च करीब 10 हजार रुपया है।

दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट सागर खारी ने गांव के विकास के लिए कई बार ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में अपील की थी। लेकिन हर बार अथॉरिटी फंड की कमी का रोना रे रोती थी। लेकिन बाद में सागर खाली नहीं जब अथॉरिटी के खर्च को लेकर के आरटीआई दाखिल किया तो इसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए। इन्हीं खुलासों से पता चला कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में रोज के करीब ₹10000 का चाय नाश्ता पर खर्च किया जाता है।

खर्चों का ब्योरा यहां देखें :-

क्या कहते हैं RTI एक्टिविस्ट सागर खारी

https://gulynews.com से एक्सक्लूसिव बात करते हुए सागर खारी बताते हैं कि आरटीआई की जानकारी के बाद उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। खारी कहते हैं कि एक तरफ गांव के विकास के लिए अथॉरिटी के पास फंड नहीं है वहीं दूसरी ओर लाखों लाख रुपए केवल चाय नाश्ते पर अथॉरिटी खर्च कर देती है।

आरटीआई से जो खुलासा हुआ है उसमें पता चला है कि 2 साल का खर्च करीब ₹7100000 का है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें कोरोणा काल के 2 महीने का खर्च नहीं है। यानी अथॉरिटी करीब 2 महीने तक बंद रही थी उस दौरान किसी तरह का खर्च ऑफिस प्रिमाइजेज में नहीं हुआ था। अगर उन 2 महीने के खर्च को औसतन जोड़ दिया जाए तो यह खर्च ₹7500000 से भी ज्यादा का होता।

दरअसल सागर खारी लंबे समय से गांव के विकास पर ध्यान देते हैं इसके तहत वह आरटीआई भी दाखिल करते रहे हैं। इसी आरटीआई का यह कमाल है कि अब पता चला है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी रोज का करीब ₹10000 केवल चाय नाश्ते पर खर्च करती है।

हैरान कर देने वाली बात यह है कि यह हाल तब है जब ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर तमाम तरह के कर्ज भी हैं। इसमें कर्ज नोएडा अथॉरिटी से लेकर वर्ल्ड बैंक के कर्ज शामिल हैं।

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