September 19, 2024, 6:49 am

Supreme Court Decision: “बिना सात फेरों के हिंदू विवाह मान्य नहीं”, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Written By: गली न्यूज

Published On: Wednesday May 1, 2024

Supreme Court Decision: “बिना सात फेरों के हिंदू विवाह मान्य नहीं”, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

Supreme Court Decision: सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत हिंदू विवाह की कानूनी आवश्यकताओं और पवित्रता को स्पष्ट किया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है की सात फेरों और सात वचन के बिना किसी हिंदू विवाह को वैध नहीं कहा जा सकता और इसका पंजीकरण अमान्य होगा।

क्या है पूरा मामला

बतादें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Decision) ने हिंदू धर्म में शादी को लेकर अहम फैसला सुनाया है। अपने इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदू विवाह एक संस्कार है और यह “सॉन्ग-डांस”, “वाइनिंग-डायनिंग” का आयोजन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि अपेक्षित सेरेमनी नहीं की गई है तो हिंदू विवाह अमान्य है और पंजीकरण इस तरह के विवाह को वैध नहीं बताता है। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत हिंदू विवाह की कानूनी आवश्यकताओं और पवित्रता को स्पष्ट किया है।

विवाह उचित संस्कार और समारोहों के साथ किया जाना चाहिए

अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू विवाह को वैध होने के लिए, इसे सप्तपदी (पवित्र अग्नि के चारों ओर फेरे के सात चरण) जैसे उचित संस्कार और समारोहों के साथ किया जाना चाहिए और विवादों के मामले में इन समारोह का प्रमाण भी मिलता है। जस्टिस बी. नागरत्ना ने अपने फैसले में कहा, हिंदू विवाह एक संस्कार है, जिसे भारतीय समाज में एक महान मूल्य की संस्था के रूप में दर्जा दिया जाना चाहिए। इस वजह से हम युवा पुरुषों और महिलाओं से आग्रह करते हैं कि वो विवाह की संस्था में प्रवेश करने से पहले इसके बारे में गहराई से सोचें और भारतीय समाज में उक्त संस्था कितनी पवित्र है, इस पर विचार करें।

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विवाह ‘गीत और नृत्य’ और ‘शराब पीने और खाने’ का आयोजन नहीं

इस मामले में उन्होंने कहा, विवाह ‘गीत और नृत्य’ और ‘शराब पीने और खाने’ का आयोजन नहीं है या अनुचित दबाव द्वारा दहेज और उपहारों की मांग करने और आदान-प्रदान करने का अवसर नहीं है। जिसके बाद किसी मामले में आपराधिक कार्यवाही की शुरुआत हो सकती है। विवाह कोई व्यावसायिक लेन-देन नहीं है, यह भारतीय समाज का ऐसा महत्वपूर्ण आयोजन है जो एक पुरुष और एक महिला के बीच संबंध स्थापित करने के लिए मनाया जाता है, जो भविष्य में एक विकसित होते परिवार के लिए पति और पत्नी का दर्जा प्राप्त करते हैं।

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