September 19, 2024, 10:06 pm

Seetaram yechuri passed away :- सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में निधन, नहीं होगा दाह संस्कार

Written By: गली न्यूज

Published On: Thursday September 12, 2024

Seetaram yechuri passed away :- सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में निधन, नहीं होगा दाह संस्कार

Seetaram yechuri passed away :- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का दिल्‍ली के एम्‍स में निधन हो गया। वे फेफड़े के संक्रमण के इलाज के लिए 19 अगस्त से अस्पताल में भर्ती थे। येचुरी भारतीय वामपंथी राजनीति के एक प्रमुख चेहरे थे जो आपातकाल के समय जेल भी गए। सीताराम 1975 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हुए तो फिर विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्य किया।

72 वर्षीय माकपा नेता सीताराम येचुरी को पहले 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें आईसीयू में ले जाया गया था। तभी से उनका इलाज किया जा रहा है। गुरुवार को उनकी तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई थी।

येचुरी के निधन पर झुकाया गया सीपीएम का झंडा

येचुरी के निधन के बाद पार्टी कार्यालय में पार्टी का झंडा आधा झुका दिया गया। पार्टी ने इस मौके पर एक्स पर पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और एम्स के डॉक्टरों के प्रति आभार जताया।

सीताराम येचुरी के बारे में

सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और पार्टी के संसदीय समूह के नेता हैं। उनका जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आपातकाल में जेएनयू में रहते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वह लगातार तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। 1984 में उनको सीपीआई एम की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था। 2015 में उनको पार्टी का महासचिव चुना गया।

येचुरी 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने सदन में कई मुद़्दे उठाए। पिछले कई दिनों से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा है। हाल ही में येचुरी की मोतयाबिंद की सर्जरी हुई थी। अब फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनको एम्स में भर्ती किया गया है। उन्होंने हाल ही में कोलकाता की घटना को लेकर बयान दिया था। साथ ही नए आपराधिक कानूनों को लेकर दायर याचिका में विपक्षी गठबंधन इंडिया का समर्थन किया था। वामपंथी नेताओं के तौर पर उनकी अलग पहचान है। वह हमेशा वामपंथी विचारधारा को लेकर आवाज उठाते रहते हैं।

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