स्कूल में होती है स्टूडेंट की पिटाई तो कौन होगा दोषी, हर पैरेंट्स के लिए सबसे जरूरी खबर
स्कूल में बच्चों की पिटाई मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का नया फैसला आया है। यह जजमेंट अपने आप ने बेहद ऐतिहासिक है क्योंकि इस फैसले में यह तय कर दिया गया है अगर स्कूल में बच्चों की पिटाई होती है कौन दोषी होगा और कौन नहीं । अपने जजमेंट के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह साफ किया है कि स्कूल में स्टूडेंट्स की पिटाई पर प्रिंसिपल दोषी करार नहीं दिया जाएगा। ना ही इस मामले में प्रिंसिपल पर कोई कार्यवाही होगी। साल 2016 के एक मामले पर सुनवाई करते हुए बंबई हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
दरअसल 30 नवंबर 2016 को एक कॉन्वेंट स्कूल में एक डांस टीचर ने एक स्टूडेंट की पिटाई की थी। इस पिटाई में स्टूडेंट को गंभीर चोटें आई थीं। उसके बाद स्टूडेंट के पेरेंट्स ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, याचिका में कहा गया था- प्रिंसिपल, स्टूडेंट का इंचार्ज होता है, स्टूडेंट की जिम्मेदारी प्रिंसिपल की होती है। ऐसे में पिटाई के लिए टीचर्स के साथ साथ प्रिंसिपल भी दोषी है। 5 साल में यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा,जिसके बाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए यह साफ कर दिया है कि ‘बच्चों का असली इंचार्ज टीचर होता है, प्रिंसिपल नहीं।’
बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि प्रिंसिपल स्टूडेंट्स का इंचार्ज नहीं है। स्टूडेंट्स का प्राइमरी इंचार्ज टीचर होते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला बेहद खास है क्योंकि इस फैसले का दूरगामी असर होगा।
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