Noida News: नए साल में फ्लैट मालिकों को मिलेगा तोहफा, जनवरी से शुरू हो जाएगी रजिस्ट्री
Noida News: नोएडा वासियों को नए साल में योगी सरकार की तरफ से नया तोहफा मिलने वाला है। क्योंकि उनके फ्लैटों की रजिस्ट्री होना जनवरी से शुरू ही जाएगा। बिल्डर सोसाइटी में अपने घर का सपना देखने वाले लोगों को उनके फ्लैट तो मिल गया। लेकिन बिल्डर का प्राधिकरण पर बकाया होने की वजह फ्लैट मालिकों की रजिस्ट्री ना होने के चलते इन लोगों को अपने ही फ्लैट का मालिकाना हक नहीं मिल पाया था। लेकिन अब जल्द ही उन्हें उनके घर की रजिस्ट्री भी मिल जायेगी।
क्या है पूरा मामला
Noida News: जानकारी के अनुसार नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर में लंबे समय से अपने फ्लैटों में रह रहे फ्लैट मालिकों के लिए नए साल में खुशखबरी मिलने वाली है। दरअसल, बिल्डर सोसाइटी में अपने घर का सपना देखने वाले लोगों को उनके फ्लैट तो मिल गया, लेकिन बिल्डर का प्राधिकरण पर बकाया होने की वजह फ्लैट मालिकों की रजिस्ट्री ना होने के चलते इन लोगों को अपने ही फ्लैट का मालिकाना हक नहीं मिल पाया था। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की पहल के बाद अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थित करीब दो लाख 40 हजार फ्लैट्स की रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगामी जनवरी माह से शुरू हो जाएगी। नई योजना के तहत बिल्डर की बजाय सीधे संबंधित प्राधिकरण को बकाया राशि देकर फ्लैट मालिक को रजिस्ट्री करने का मौका मिल सकता है।
लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे लोगनोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थित अलग-अलग बिल्डर कंपनियों द्वारा बनाई गई सोसाइटियों में लोगों को कई साल के इंतजार के बाद उनका उनके फ्लैट तो मिल गया था। लेकिन बिल्डर कंपनी द्वारा फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं कराई जा रही थी। कई लोग तो ऐसे भी हैं, जो दस साल से अपने ही घर में बिना मालिकाना हक के रह रहे थे। जिसको लेकर लंबे समय से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मौजूद इन सोसाइटियों के निवासी सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन करते नजर आते थे। उनकी एक ही मांग रहती थी कि जल्द से जल्द उनके फ्लैट्स की रजिस्ट्री की जाए। वहीं प्रदेश सरकार की पहल के बाद अब इन सभी की रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है।
जनवरी से होगी फ्लैट्स की रजिस्ट्री
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिश के आधार पर तैयार की गई, रिपोर्ट में कुछ संशोधन कर इसे यूपी कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। यूपी कैबिनेट ने बिल्डर कम्पनियों कों राहत देते हुए कोरोना काल के 2 साल के ब्याज पर छूट देने का निर्णय लिया है। जिस बिल्डर कंपनियों के बकाए में 20 से 25% की कमी आएगी और वह प्राधिकरण पर बकाया राशि को जमा कर सकेंगे। बकाया राशि मिलने के बाद प्राधिकरण फ्लैट की रजिस्ट्री की अनुमति देना शुरू कर देगा। उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी माह के शुरुआत से ही अटके हुए फ्लैट्स की रजिस्ट्री का काम शुरू हो जाएगा।
बायर्स को भी राहत देने की कोशिश
अमिताभ कांत समिति द्वारा जो सिफारिश की गई थी सके तहत फ्लैट बायर्स अपने फ्लैट की रजिस्ट्री करने के लिए बकाया राशि सीधे बिल्डर कंपनी को न देकर प्राधिकरण को भी दे सकते हैं। इस तरह फ्लैट बायर्स बची हुई रकम सीधे प्राधिकरण को दे देगा और प्राधिकरण द्वारा उसके फ्लैट की रजिस्ट्री की अनुमति दे जाएगी। वही एक अन्य विकल्प यह भी दिया गया है कि अगर कुल बकाया राशि का 25% तक बिल्डर कंपनी प्राधिकरण में जमा करवा देती है, तो बाकी बची हुई रकम 3 साल में जमा करने का ऑप्शन दिया जाएगा। इस दौरान जमा की जाने वाली रकम के अनुपात में प्राधिकरण द्वारा फ्लैट्स की रजिस्ट्री के लिए अनुमति दी जाएगी। प्राधिकरण के अधिकारियों की माने तो अगर समिति की सुझाव कैबिनेट में मंजूर हो जाती है तो रजिस्ट्री का रास्ता बेहद आसान हो जाएगा और किसी भी फ्लैट बायर को बिल्डर कंपनी के बजाय प्राधिकरण में ही बकाया राशि का भुगतान कर अपने फ्लैट की रजिस्ट्री करने का रास्ता खुल जाएगा।
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बिल्डर कंपनियों पर बकाया करोड़ों रुपए
दरअसल, अलग-अलग बिल्डर कंपनियों का नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में करोड़ों रुपए बकाया है। जिसकी वजह से प्राधिकरण की तरफ से एनओसी न मिलने की वजह से फ्लैट मालिकों की रजिस्ट्री भी नहीं हो पाती थी। बात करें नोएडा प्राधिकरण की तो नोएडा में मौजूद अलग-अलग बिल्डर कंपनियों पर प्राधिकरण के करीब 28,000 करोड रुपए की राशि बकाया है। जिनमें से NCLT में चल रही 17 और सुप्रीम कोर्ट में चल रही करीब 24 परियोजनाओं के बिल्डर पर 7,800 करोड़ रुपए बकाया है। वही बिना किसी विवाद के चल अलग अलग बिल्डर प्रोजेक्ट पर करीब 20,000 करोड़ रुपए का बकाया है। वही बात करें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तो करीब 124 बिल्डर कंपनियों पर लगभग 14,500 करोड़ रुपए बकाया है। यमुना प्राधिकरण में बकाया राशि का यह आंकड़ा करीब 4,800 करोड़ रुपए है।