Health Insurance: जल्द ही बढ़ सकता है आपके हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम, ये है वजह
Health Insurance: अगर आपके पास भी हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी है तो ये खबर आपके लिए है। हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी रखने वाले ग्राहकों को एक झटका और मिल सकता है। दरअसल, स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र की कंपनियों के लिए आईआरडीएआई ने वेटिंग पीरियड से जुड़ा एक निर्देश दिया है। उसी के बाद ये कंपनियां प्रीमियम बढ़ाने का प्रस्तावना तैयार कर रही हैं।
क्या है पूरा मामला
बतादें, आप बढ़िया (Health Insurance) कमाते-खाते हैं तो इस समय हेल्थ इंश्योरेंस लेना अब जरूरी हो गया है। जिस तरह से इलाज का खर्च बढ़ रहा है, समझदारी इसी में है कि हेल्थ इंश्योरेंस की एक अदद पॉलिसी तो ले ही लेनी चाहिए। लेकिन अब एक बार फिर से हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी का प्रीमियम बढ़ने वाला है। कोरोना महामारी के बाद तो इसके प्रीमियम में तगड़ी बढ़ोतरी हुई थी।
इंश्योरेंस कंपनियां भेजने लगी हैं सूचना
इंश्योरेंस रेगूलेटर IRDAI द्वारा वेटिंग पीरियड कम करने के आदेश से खुश हुए पॉलिसी होल्डर्स की खुशी ज्यादा दिन तक नहीं टिकी। असल में IRDAI द्वारा मौजूदा चार सालों से अधिकतम तीन सालों तक वेटिंग पीरियड तय करने का आदेश के बाद पॉलिसी होल्डर्स को इंश्योरेंस कंपनियों के ई-मेल मिलने लगे हैं। जिसमें कहा जा रहा है कि नए नियमों के बाद उनकी लोकेशन और उम्र के अनुसार प्रीमियम में बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर हैं। HDFC ERGO ने अपने ग्राहकों को भेजे मेल में कहा उन्हें प्रीमियम दरें औसतन 7.5% से 12.5% तक बढ़ानी होंगी।
मैक्सिमम वेटिंग पीरियड अब तीन साल
ACKO के रिटेल हेल्थ के वाइस प्रेजिडेंट रूपिंदरजीत सिंह ने बताया कि IRDAI ने 1 अप्रैल से प्री-एग्जिस्टिंग कंडीशन में मैक्सिमम वेटिंग पीरियड को चार साल से घटाकर तीन साल कर दिया है। इस निर्णय के बाद से ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां, इंश्योरेंस की लागत में 10-15% की बढ़ोतरी कर सकती हैं।
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बढ़ोतरी क्यों हो रही है?
हेल्थ इंश्योरेंस में वेटिंग पीरियड वह अवधि है जिसके लिए आपको इंश्योरेंस का फायदा हासिल करने से पहले इंतजार करना पड़ता है। प्री-एग्जिस्टिंग कंडीशन में मैक्सिमम वेटिंग पीरियड का मतलब यह है कि यदि आप पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपको किसी भी लाभ को क्लेम करने से पहले हेल्थ इंश्योरेंस में तय वेटिंग पीरियड समाप्त होने तक इंतजार करना होगा। पहले से मौजूद बीमारियों का मतलब यह है जो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से 48 महीने पहले diagnosed की गई हो। इन बीमारियों में हाई बीपी, मधुमेह, थायराइड आदि सभी शामिल हैं। इसे अब IRDAI ने तीन साल किया है और इसलिए कंपनियों को लग रहा है कि इससे उनकी रिस्क बढ़ेगी और वे प्रीमियम बढ़ा दे रहे हैं।