अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाते हैं ? जानें पूरा इतिहास
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) है और आज से 47 साल पहले यूनाइटेड नेशंस (United Nations) ने महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी। आज ही के दिन 8 मार्च 1975 को यनाइटेड नेशंस ने आज का दिन महिलाओं को डेडिकेट करने का फैसला किया था। सवाल है कि आखिर ऐसी क्या जरुरत थी कि साल का कम से कम एक दिन वो भी 8 मार्च महिलाओं को समर्पित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) ने भले ही महिला दिवस मनाने की शुरुआत 1975 से की हो लेकिन इसे मनाने की कवायद उसके कई साल पहले 1909 से ही शुरु हो गई थी। और इसकी जड़ में महिलाओं द्वरा निकाला गया एक मजदूर आंदोलन है।
अमेरिका की घटना
साल 1908 में गार्मेंट्स फैक्ट्री में काम करने वाली 15 हज़ार औरतों ने न्यूयॉर्क शहर में मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों की मांग की थी। इसके साथ ही महिलाओं की मांग थी कि उन्हें बेहतर सैलरी और वोटिंग का अधिकार दिया जाए। इस आंदोलन के एक साल बाद साल बाद औपचारिक तौर पर 28 फरवरी 1909 को पहली बार अमेरिका में महिला दिवस मनाया गया था और इसकी शुरुआत सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने की थी। अमेरिका के न्यूय़र्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन को महिला दिवस के तौर पर मनाया गया था।
रूस की घटना
साल 1917 में रूस की महिलाएं सड़कों पर उतरी। रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर एक बड़ा हड़ताल किया। यह हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार को हुई थी। इस हड़ताल के बाद ही रूस के राजा (जार) ने सत्ता छोड़ी थी। तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया। रूस-अमेरिका के अलावा यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं।
..जब संयुक्त राष्ट्र संघ से मिली मान्यता
अमेरिका की घटना के बाद साल 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं की एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी। क्लारा ज़ेटकिन नाम की एक महिला ने इस कॉन्फ्रेंस को आयोजित किया था। इसी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया गया। उस वक़्त कॉन्फ़्रेंस में 17 देशों की 100 महिलाएं शामिल हुई थीं। सबसे पहले साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। फिर बाद में 1975 में इसे संयुक्त राष्ट्र संघ से भी मान्यता मिल गई । 1975 में महिला दिवस को आधिकारिक मान्यता उस वक्त दी गई थी जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे वार्षिक तौर पर एक थीम के साथ मनाना शुरू किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम थी ‘सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर’।
बता दें कि हर बार महिला दिवस एक खास थीम पर मनाया जाता है और इस बार की थीम में लैंगिक समानता के ऊपर जोर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिला अधिकार आंदोलन का एक सेंटर प्वाइंट भी है, जो लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार, और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर जोर देता है। महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार को दर्शाते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर पूरी दुनिया में मनाया जाता है। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (111वां ) है। http://gulynews.com की ओर से आप सभी को महिला दिवस की शुभकमना।