Greater Noida News :- 8 साल बाद अथॉरिटी ने मानी अपनी गलती, दो किसानों को मौत के बाद मिलेगा इंसाफ
Greater Noida News :- ग्रेटर नोएडा में मुआवजे को लेकर आए दिन विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं। इस बीच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की गलती के कारण एक किसान परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच गया। 8 साल के संघर्ष के बाद अधिकारियों ने अपनी गलती मानी और प्राधिकरण के सीईओ ने उन्हें मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। इस बीच किसान परिवार के तीन भाइयों में से दो की मौत हो गई है।
क्या है पूरा मामला
पल्ला गांव निवासी नकुल भाटी ने बताया कि उनके पिता बिजेंद्र और चाचा प्रताप, ज्ञानी ने आपसी सहमति से खसरा नंबर 474 की 0.6430 हेक्टेयर जमीन ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को दी थी। नकुल ने बताया कि उनके पिता ने सबसे पहले महामेधा बैंक का अकाउंट नंबर दिया। जब उन्हें पता चला कि बैंक डिफॉल्टर है तो वह अथॉरिटी गए और दूसरे बैंक के अकाउंट की डिटेल अधिकारियों को दी।
अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि अकाउंट नंबर अपडेट हो गया है। आरोप है कि इसके बाद अधिकारियों ने डिफॉल्टर बैंक में ही रकम ट्रांसफर कर दी। शिकायत करने पर अधिकारियों ने भरोसा दिलाया। सीईओ ने मामले का संज्ञान नहीं लिया। वह 8 साल तक दफ्तर के चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तनाव के चलते चाचा प्रताप की हार्ट अटैक से मौत हो गई। कुछ साल बाद दूसरे चाचा की भी मौत हो गई। बच्चों की शादी से लेकर उनकी पढ़ाई तक उन पर करोड़ों रुपये का कर्ज हो गया।
सीईओ ने लिया मामले का संज्ञान
2021 में गांव की जमीन फिर से अधिगृहीत कर ली गई और अधिकारियों ने एक बार फिर उनकी जमीन का मुआवजा रोक दिया। कारण पूछने पर अधिकारी ने बताया कि आपका मामला पहले विवादित था। अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने इस मामले का संज्ञान लिया है। संबंधित विभाग के अधिकारियों ने गलती स्वीकार की है। इसके बाद अब सीईओ ने किसान के परिवार को तुरंत मुआवजा जारी करने के निर्देश दिए हैं।